छत्तीसगढ़
PLGA बटालियन नम्बर 01 के पीपीसीएम 08-08 लाख रूपये के ईनामी देवा पदम ने सपत्निक किया समर्पण

🔹 AOB डिवीजन एवं पामेड़ एरिया कमेटी के 28.00 लाख रूपये के 09 ईनामी माओवादी सहित 19 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण।
🔹 आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में PLGA बटालियन के PPCM-02, पामेड़ एरिया कमेटी के ACM-01, AOB डिवीजन की प्लाटून नम्बर 01 की पार्टी सदस्या, मिलिशिया प्लाटून कमांडर -01, जनताना सरकार अध्यक्ष-01, डीएकेएमएस अध्यक्ष-04, मिलिशिया प्लाटून डिप्टी कमांडर-02, जनताना सरकार सदस्य-04, डीएकेएमएस सदस्य-05 शामिल है।
🔹अंदरूनी क्षेत्रों में नवीन सुरक्षा कैम्प की स्थापना के साथ शासन की विकासोन्मुखी कार्य, सड़कों का विस्तार, परिवहन की सुविधा, पानी, बिजली एवं शासन की अन्य जनकल्याणकारी योजना ग्रामीणों तक पहुंचने लगी है। सुरक्षा बलों का ग्रामीणों के साथ हो रहे सकारात्मक संवाद, सामुदायिक पुलिसिंग के तहत् दी जा रही कल्याकारी योजनाओं की जानकारी एवं छ0ग0 शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के व्यापक प्रचार प्रसार से माओवादी संगठन से मोहभंग हुआ है।
🔹संगठन के विचारों से हुआ मोहभंग और मिली निराशा एवं संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद, समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सुरक्षित पारिवारिक जीवन जीने की चाह के चलते किये आत्मसमर्पण।
🔹 वर्ष 2025 में अब तक 84 – माओवादियो ने आत्मसमर्पण, 137- माओवादी गिरफ्तार एवं 56 माओवादी अलग अलग मुठभेड़ में मारे गए है।
🔹आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने वाले सभी माओवादियों को प्रोत्साहन स्वरूप 25-25 हजार रुपए नगद राशि प्रदान किया गया।
🟪 पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, पुलिस महानिरीक्षक केरिपु सीजी सेक्टर छ0ग0 रायपुर, उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज, उप पुलिस महानिरीक्षक केरिपु ऑप्स बीजापुर सेक्टर के मार्ग दर्शन व पुलिस अधीक्षक बीजापुर के निर्देशन में जिले में चलाये जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान के तहत डीआरजी, बस्तर फाईटर, एसटीएफ, कोबरा व केरिपु बल के द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासो से तथा छ0ग0 शासन की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति साथ ही छ0ग0 शासन द्वारा चलाये जा रहे “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर AOB डिवीजन सहित पामेड़ एरिया कमेटी के कुल 20 माओवादियों ने आज दिनांक 17/03/2025 को पुलिस उप महानिरीक्षक केरिपु बीजापुर श्री देवेन्द्र सिंह नेगी , पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ जितेन्द्र कुमार यादव, कमांडेंट 222 श्री विरेन्द्र सिंह, कमांडेंट 85वी बटालियन केरिपु श्री सुनील कुमार राही, कमांडेंट 196 वी बटालियन केरिपु श्री कुमार मनीष, कमांडेंट 229 वी बटालियन केरिपु श्री चंदम बॉबी सिंह, कमांडेंट 210 कोबरा श्री अशोक कुमार, कमांडेंट 202 कोबरा श्री अमित कुमार, कमाडेंट 204 कोबरा श्री संतोष कुमार मल्ल, कोबरा 205 श्री नरेश पवार, कमांडेंट 206 कोबरा श्री पुष्पेन्द्र कुमार, कमांडेंट 201 कोबरा श्री अमित चौधरी, अति0पुलिस अधीक्षक नक्सल अभियान श्री मयंक गुर्जर, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्री तिलेश्वर यादव, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स श्री सुदीप सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण किये।
आत्मसमर्पित माओवादी के नाम/पद:-
1. देवा पदम पिता स्व0 लखमू पदम उम्र 30 वर्ष जाति मुरिया निवासी कोरसागुड़ा पदमपारा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर, पदनाम- बटालियन नम्बर 01 पीपीसीएम, ईनाम -08.00 लाख, वर्ष 2007 से सक्रिय
2. दुले कलमू पति देवा पदम उम्र 28 वर्ष जाति मुरिया निवासी कोरसागुड़ा पदमपारा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर, पदनाम – बटालियन नम्बर 01 के कंपनी नम्बर 01 की पार्टी सदस्य, ईनाम 08.00 लाख, वर्ष 2018 से सक्रिय
3. सुरेश कटटाम पिता स्व0 सुरैया कटटाम उम्र 21 वर्ष जाति मुरिया निवासी नेलाकांकेर,स्कूलपारा थाना उसूर जिला बीजापुर, पदनाम एसीएम, ईनाम 05.00 लाख , वर्ष 2020 से सक्रिय
4. सोनी पूनेम पिता बिच्चेम पूनेम उम्र 20 वर्ष जाति मुरिया निवासी कोरसागुड़ा स्कूलपारा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर, पदनाम AOB डिवीजन अन्तर्गत प्लाटून नम्बर 01 पार्टी सदस्या, ईनाम -02.00 लाख, वर्ष 2013 से सक्रिय
5. नारायण कटटाम पिता सुरैया कटटाम उम्र 35 वर्ष निवासी नेलाकांकेर स्कूलपारा थाना उसूर, पदनाम कमलापुर आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष, ईनाम -01.00 लाख, वर्ष 2007 से सक्रिय
6. अंदा माडवी पिता हड़मा माड़वी उम्र 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी कमलापुर थाना उसूर, पदनाम कमलापुर आरपीसी मिलिशिया प्लाटून कमाण्डर, ईनाम 01.00 लाख, वर्ष 2001 से सक्रिय
7. बामी कुहरामी पिता पाण्डू कुहरामी उम्र 45 वर्ष जाति मुरिया, निवासी कमलापुर पाउरगुड़ा थाना उसूर , पदनाम कमलापुर आरपीसी डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनाम 01.00 लाख, वर्ष 1996 से सक्रिय
8. शंकर कड़ती पिता कन्ना कड़ती उम्र 45 वर्ष जाति दोरला निवासी लिंगापुर स्कूलपारा थाना उसूर, पदनाम लिंगापुर आरपीसी डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनाम 01.00 लाख, वर्ष 2020 से सक्रिय
9. मुन्ना पोड़ियाम पिता चिन्नाबी पोड़ियाम उम्र 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी मारूड़बाका स्कूलपारा थाना उसूर, पदनाम मारूड़बाका आरपीसी डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनाम 01.00 लाख, वर्ष 2002 से सक्रिय
10. नागा कटटम पिता लच्छा कटटम उम्र 40 वर्ष जाति मुरिया निवासी कमलापुर थाना उसूर, पदनाम कमलापुर आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य, वर्ष 2016 से सक्रिय
11. मल्ला कुंजाम पिता मुत्ता कुंजाम उम्र 40 वर्ष जाति दोरला निवासी मारूड़बाका बंजारीपारा थाना उसूर, पदनाम मारूड़बाका आरपीसी जनताना सरकार सदस्य, वर्ष 2011 से सक्रिय
12. नरसिंह राम पोड़ियाम पिता लक्ष्मैया उम्र 28 वर्ष जाति मुरिया निवासी उड़तामल्ला पटेलपारा थाना पामेड़ पदनाम- कंचाल आरपीसी मिलिशिया प्लाटून डिप्टी कमांडर, वर्ष 2001 से सक्रिय
13. शंकर माड़वी पिता सुंदर माड़वी उम्र 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी कमलापुर जोनागुड़ा पारा थाना उसूर, पदनाम – कमलापुर आरपीसी जनताना सरकार सदस्य, वर्ष 2001 से सक्रिय
14. लखमा ताती पिता राजू ताती उम्र 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी कमलापुर पाउरगुड़ा थाना उसूर, पदनाम- कमलापुर आरपीसी जनताना सरकार सदस्य, वर्ष 1996 से सक्रिय
15. पाण्डू माड़वी पिता देवा माड़वी उम्र 29 वर्ष जाति मुरिया निवासी कमलापुर जोनागुडापारा थाना उसूर, पदनाम- कमलापुर आरपीसी मिलिशिया प्लाटून ए सेक्शन डिप्टी कमाण्डर, वर्ष 2006 से सक्रिय
16. जोगा सोढ़ी पिता हुंगा सोढ़ी उम्र 38 वर्ष जाति मुरिया निवासी कमलापुर पाउरगुड़ा थाना उसूर जिला बीजापुर पदनाम कमलापुर आरपीसी जनताना सरकार सदस्य, वर्ष 1996 से सक्रिय
17. पिड़गा कटटम पिता स्व0 लच्छा कटटम उम्र 45 वर्ष जाति मुरिया निवासी कमलापुर, पदनाम कमलापुर आरपीाीस डीएकेएमएस सदस्य, वर्ष 1996 से सक्रिय
18. एर्रा सोढ़ी पिता स्व0 लच्छा सोढ़ी उम्र 49 वर्ष जाति दोरला निवासी कमलापुर मोडियमपारा थाना उसूर, पदनाम कमालापुर आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य, वर्ष 1996 से सक्रिय
19. चिन्नाबी काका पिता नरसा काका उम्र 45 वर्ष जाति मुरिया निवासी मारूड़बाका बंजारीपारा थाना उसूर, पदनाम मारूडबाका आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य, वर्ष 2005 से सक्रिय
🟪 छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति और नियद नेल्लानार योजना के कारण कई माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है । इस योजना के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे कि पुनर्वास, रोजगार और शिक्षा । इसके अलावा, नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए भी राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है । यह योजना माओवादियों को आत्मसमर्पण करने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके परिणामस्वरूप, कई माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं और समाज में शांतिपूर्ण जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
🟪 माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे जिले में हो रहे विकास कार्य बड़ा कारण रहा, तेजी से बनती सड़कें, गावों तक पहुँचती विभिन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है। संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा, संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद इनके आत्मसमर्पण का बहुत बड़ा कारण है।
🟪 छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति ने कई माओवादियों को नई उम्मीद दी है और उन्हें संगठन के भीतर शोषण और क्रूर व्यवहार से बाहर निकलने के लिए प्रेरित किया है। यह नीति उन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन जीने की आशा देती है । इसके अलावा, सुरक्षा बलों के लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में कैम्प स्थापित करने और क्षेत्र में चलाए जा रहे आक्रामक अभियानों ने भी माओवादियों को संगठन छोड़ने के लिए प्रेरित किया है। आत्मसमर्पित माओवादी क्षेत्रान्तर्गत सक्रिय रूप से कार्यरत रहे हैं और अब वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार हैं । यह पुनर्वास नीति छत्तीसगढ़ शासन की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना और उन्हें सामान्य जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है ।
🟪 आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की आसूचनाएं प्राप्त हो रही है। आत्मसमर्पण कराने में डीआरजी, बस्तर फाईटर, एसटीएफ, केरिपु 222, 229, 196, 85 एवं कोबरा 210, 202, 204, 205, 206, 201 का विशेष योगदान है । इस प्रकार माओवादियों के हो रहे आत्मसर्पण से शीर्ष माओवादी कैडर के लिए बड़ा नुकसान हुआ है । नक्सल मुक्त बस्तर की कल्पना साकार रूप ले रहा है ।
🟪 अपील- बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ जितेंद्र कुमार यादव ने नक्सलियों से अपील की है कि वे सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों । उन्होंने बताया है कि सरकार की पुनर्वास नीति के तहत् मिलने वाले फायदों ने कई नक्सलियों को आकर्षित किया है । नक्सलियों के घर वाले भी उन्हें वापस लाना चाहते हैं और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने नक्सलियों से अपील की है कि वे बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों, जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।
संगठन छोड़ने का कारण:-
🟪 छ0ग0 शासन की पुनर्वास नीति के व्यापक प्रचार-प्रसार, पुनर्वास योजना के तहत लाभ व परिवार के साथ खुशहाल जीवन जीने की सोच लिये समाज के भटके माओवादियों ने संगठन में उनके कार्यो की उपेक्षा करने, भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं माओवादियों के द्वारा आदिवासियों पर किये जा रहे अत्याचार से त्रस्त होकर, छ0ग0 शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए उक्त माओवादियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया। आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत् 25000-25000/- रूपये (पच्चीस हजार रूपये) नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान किया गया।





