ओड़ीशा

पूर्व उप-कलेक्टर प्रशांत कुमार राउत को रिश्वतखोरी में दोषी ठहराया गया, चार साल की सजा

भुवनेश्वर। ओडिशा सतर्कता विभाग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व उप-कलेक्टर नबरंगपुर, श्री प्रशांत कुमार राउत (ओएएस-I) को रिश्वत के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद जेल भेज दिया है। श्री राउत को जून 2023 में 3.02 करोड़ रुपये से अधिक नकदी के साथ डीए सर्च के दौरान गिरफ्तार किया गया था।

यह मामला संबलपुर सतर्कता पीएस केस संख्या 65 (दिनांक 5 नवंबर 2018) से संबंधित है। श्री राउत पर आरोप था कि उन्होंने बिसरा, जिला सुंदरगढ़ में बीडीओ के रूप में कार्य करते हुए स्वीकृत परियोजनाओं की तकनीकी और प्रशासनिक मंजूरी के लिए शिकायतकर्ता से 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और ली थी।

2023 में डीए सर्च में उनकी गिरफ्तारी के बाद, सतर्कता विभाग ने उनके पुराने मामले की ट्रायल प्रक्रिया को तेज किया। विभाग की बारीकी से निगरानी के बीच, विशेष न्यायाधीश (सतर्कता), सुंदरगढ़ ने श्री राउत को दोषी ठहराते हुए चार साल कठोर कारावास और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

सजा के बाद श्री राउत को जेल भेज दिया गया है। साथ ही, ओडिशा सतर्कता विभाग ने उनकी पेंशन रोकने के लिए सक्षम प्राधिकारी को पत्र लिखने का निर्णय लिया है।

ओडिशा सतर्कता विभाग ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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