रायगढ़ । भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “आयुष्मान योजना” के अंतर्गत काम करने वाले जिले के 21 कियोस्क ऑपरेटरों ने जुलाई से अक्टूबर 2024 तक का वेतन न मिलने के कारण काम बंद कर दिया है। यह जानकारी ऑपरेटरों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायगढ़ को ज्ञापन के माध्यम से दी। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि 4 महीनों से वेतन न मिलने की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है और अब वे कर्ज में डूबे हुए हैं।
आयुष्मान कियोस्क ऑपरेटरों की जिम्मेदारी है कि वे सरकारी अस्पतालों, जैसे पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और मातृ शिशु अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड बनाएं, और टीएमएस (ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम) सॉफ्टवेयर के माध्यम से मरीजों का ब्लॉकिंग और डिस्चार्ज का कार्य करें। इसके लिए उन्हें हर महीने 9400 रुपये का वेतन मिलना चाहिए, लेकिन पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है।
आर्थिक तंगी और मानसिक परेशानी
ज्ञापन में कियोस्क ऑपरेटरों ने कहा कि वे वेतन न मिलने के कारण मजबूरी में कर्ज लेकर काम पर आ रहे थे, लेकिन अब स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि वे आगे काम नहीं कर सकते। उनकी आर्थिक और मानसिक स्थिति बहुत खराब हो गई है और वे अपने परिवार का पालन-पोषण करने में असमर्थ हो रहे हैं। ऑपरेटरों का कहना है कि जब तक उन्हें बकाया वेतन नहीं दिया जाता, तब तक वे कार्य स्थल पर उपस्थिति नहीं देंगे। वेतन मिलने के बाद वे दोबारा अपना काम शुरू करने के लिए तैयार हैं।
प्रशासन से शीघ्र समाधान की अपील
कियोस्क ऑपरेटरों ने अपने ज्ञापन की एक प्रतिलिपि जिला कलेक्टर, रायगढ़ और आयुष्मान भारत जिला सलाहकार को भी भेजी है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि उनकी वेतन संबंधी समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए, ताकि वे अपने काम पर वापस लौट सकें और अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें। ज्ञापन में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह चार माह का वेतन न मिलने के कारण उनकी पारिवारिक और मानसिक स्थिति पर भी भारी असर पड़ रहा है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत वेतन भुगतान की मांग की है ताकि वे अपने परिवारों की देखभाल कर सकें और बिना किसी आर्थिक बोझ के काम जारी रख सकें।।