जय फिलिस्तीन बोलने पर जाएगी सांसद ओवैसी की सदस्यता विरोध में उठे स्वर, हटाया गया संसद के रिकॉर्ड से
ओवैसी के फिलिस्तीन का नारा लगाने के बाद बीजेपी सांसदों ने संसद में हंगामा शुरू कर दिया। इस पर सांसद शोभा करंदलाजे ने सवाल उठाया। इसके बाद संसद में अन्य सदस्यों ने भी जय फिलिस्तीन कहने पर आपत्ति जताई।
नई दिल्ली : शपथ लेने के दौरान असदुद्दीन ओवैसी का जय फिलिस्तीन का नारा लगाया। तभी से हर तरफ से लोग उनको घेरते नजर आ रहे हैं। शपथ के बाद ओवैसी ने कहा कि ‘मैं भारत के हाशिए पर पड़े लोगों के मुद्दों को ईमानदारी से उठाता रहूंगा।’ हालांकि प्रोटेम स्पीकर ने जय फिलिस्तीन वाले नारे को संसद की कार्यवाही से हटा दिया है। लेकिन अब भी इसपर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अस सवाल ये उठता है कि ओवैसी की सदस्यता चली जाएगाी?
क्या है मामला
बीते दिन कई नेताओं ने संसद में शपथ ली, इसी दौरान ओवैसी को भी शपथ के लिए बुलाया गया। जब ओवैसी को शपथ लेने के लिए बुलाया गया तो पहले उन्होंने कुरानी आयत पढ़ी और फिर बिस्मिल्लाह पढ़ी। इसके वो अल्लाह के नाम से शपथ लेते हैं। आखिर में वो कहते हैं,”जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन, तकबीर अल्लाहु अकबर। इसके बाद से ही विवाद बढ़ गया है।
ओवैसी के फिलिस्तीन का नारा लगाने के बाद बीजेपी सांसदों ने संसद में हंगामा शुरू कर दिया। इस पर सांसद शोभा करंदलाजे ने सवाल उठाया। इसके बाद संसद में अन्य सदस्यों ने भी जय फिलिस्तीन कहने पर आपत्ति जताई। विवाद बढ़ता देख उस समय लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे राधा मोहन सिंह ने इसे रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया।
क्या जा सकती है ओवैसी की सदस्यता?
संविधान के अनुच्छेद 102 के तहत संसद के किसी भी सदन के सदस्य को अयोग्य घोषित करने के आधारों का उल्लेख है अनुच्छेद 102 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है या उसने स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त कर ली है या किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा या पालन की स्वीकृति के अधीन है तो उनकी संसद सदस्यता जा सकती है।
हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने बाद में संसद के बाहर अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। अन्य सदस्य भी अलग-अलग बातें कह रहे हैं। मैंने कहा ‘जय भीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन’। ये गलत कैसे है? मुझे संविधान के प्रावधान बताएं।