पुलिस प्रशासन की ओर से तीन नए आपराधिक कानून को लेकर जागरूकता बैठक
राजगांगपुर सोमवार को शाम साढ़े 7 बजे राजगांगपुर थाना परिसर में तीन आपराधिक कानूनों को लेकर जागरूकता बैठक आयोजित की गयी । उक्त बैठक राजगांगपुर एसडीपीओ अभिषेक पानीग्राही के नेतृत्व मे की गई और एसडीपीओ की उपस्थिति मे इन तीनों कानूनों पर आलोचना की गई उन्होंने कहा कि इन तीनों कानूनों के बारे में सभी वर्गों को व्यापक रूप से जागरूक होना होगा ।
इस अवसर पर एसडीपीओ ने लागू की गई तीनों आपराधिक कानूनों के बारे मे विस्तारपूर्वक जानकारी दी एक जुलाई से देश में आईपीसी सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नये कानून जैसे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता,
और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय के संपर्क मे अवगत कराने सहित कानून शृंखला परिस्थिति को बजाय रखने मे सहयोग करने के लिए आह्वान किए और जानकारी दिए कि आपराधिक प्रक्रिया तय करने वाले तीन नये कानूनों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए एफआइआर से लेकर फैसले तक को समय सीमा में बांधा गया है। आपराधिक ट्रायल को गति देने के लिए नये कानून में 35 जगह टाइम लाइन जोड़ी गई है।
शिकायत मिलने पर एफआइआर दर्ज करने, जांच पूरी करने, अदालत के संज्ञान लेने, दस्तावेज दाखिल करने और ट्रायल पूरा होने के बाद फैसला सुनाने तक की समय सीमा तय है । साथ ही आधुनिक तकनीक का भरपूर इस्तेमाल और इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को कानून का हिस्सा बनाने से मुकदमों के जल्दी निपटारे , शिकायत, सम्मन और गवाही की प्रक्रिया में इलेक्ट्रानिक माध्यमों के इस्तेमाल से न्याय की रफ्तार तेज होगी ।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) में व्यवस्था है कि शिकायत मिलने पर तीन दिन के अंदर एफआइआर दर्ज करनी होगी। तीन से सात साल की सजा के केस में 14 दिन में प्रारंभिक जांच पूरी करके एफआइआर दर्ज की जाएगी। 24 घंटे में तलाशी रिपोर्ट के बाद उसे न्यायालय के सामने रख दिया जाएगा।
वही इस अवसर पर स्थानीय थाना प्रभारी मनोरंजन प्रधान स्वागत भाषण दिए थे । उक्त बैठक मे अधिवक्ता अर्चना मूदुली, दिलीप सिंह, राजगांगपुर वरिष्ठ नागरिक संघ के उपाध्यक्ष पी.एन. सामल, महासचिव जगत नारायण शर्मा, हेमंत सिंह, राजेन सोनी, डाक्टर तबस्सुम बानों, कुंदन सिंह प्रमुख मौजूद रह कर अपना अपना मत व्यक्त किए । सभा मे राजगांगपुर के विभिन्न वर्ग के वरिष्ठ नागरिक, कई पार्षद, पत्रकार समेत अधिवक्ता मौजूद थे ।