छत्तीसगढ़
अंबिकापुर से एक तस्वीर और इतिहास छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी के सोशल मीडिया से

रायपुर । अंबिकापुर में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी से एक विशेष मुलाकात हुई, ये थे पण्डो जनजाति से आने वाले बसन्त पण्डो। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु जी ने बड़ी आत्मीयता से बसन्त पण्डो से उनका कुशल क्षेम जाना, उन्हें स्नेहपूर्वक शॉल भेंट की और कहा कि आप मेरे भी पुत्र हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी, जब वर्ष 1952 में अंबिकापुर प्रवास पर पहुंचे थे, तब उन्होंने 08 वर्षीय गोलू यानि बसन्त पण्डो को गोद में उठाया और बसन्त पण्डो को यह नाम भी उन्होंने ही दिया। इसी के बाद से ही, पण्डो जनजाति को ‘राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र’ कहलाने का दर्जा प्राप्त हुआ।





