
बॉर्डर पर घेराबंदी से नक्सल गतिविधियों पर लगाम, सुरक्षित ठिकाने और आपूर्ति नेटवर्क हो रहे ध्वस्त
रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन के लिए सुरक्षा बल अब सीमावर्ती इलाकों में भी सक्रिय हो गए हैं। इंटर स्टेट कोऑर्डिनेशन बेहतर होने से नक्सली अब राज्य की सीमाओं पर भी फोर्स के घेराबंदी में फंस रहे हैं। इससे न केवल उनकी गतिविधियों पर अंकुश लग रहा है, बल्कि उनका सुरक्षित नेटवर्क भी कमजोर हो रहा है।
सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों से अब उन इलाकों में भी प्रभावी कार्रवाई की जा रही है, जहां से पहले नक्सली आसानी से भागने में सफल हो जाते थे। यह रणनीति नक्सल उन्मूलन के साथ-साथ कानून व्यवस्था, विकास कार्यों और आर्थिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया:
“राज्यों के बीच बेहतर तालमेल से नक्सल विरोधी अभियानों को अधिक प्रभावी बनाया गया है। सीमावर्ती इलाकों में पुलिस और सुरक्षाबलों के संयुक्त अभियान से नक्सलियों को भागने का मौका नहीं मिल रहा है। साथ ही बुनियादी विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है, जिससे दो राज्यों के बीच व्यापार भी बढ़ रहा है।”
नक्सल मामलों के विशेषज्ञ मनीष गुप्ता का कहना है:
“इंटर स्टेट कोऑर्डिनेशन से न केवल सुरक्षा बलों की दक्षता में वृद्धि होती है, बल्कि अपराध नियंत्रण, विकास कार्यों और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलता है। इससे क्षेत्र में समग्र विकास और स्थिरता सुनिश्चित की जा सकती है।”
सुरक्षा एजेंसियों की यह नई रणनीति नक्सल उन्मूलन में बड़ी सफलता की ओर संकेत कर रही है, जिससे आने वाले समय में इन इलाकों में शांति और विकास को और मजबूती मिलेगी।