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किसान महासभा का धरना: बाढ़ और सुखाड़ का स्थायी समाधान की मांग

हिलसा अनुमंडल में बाढ़ और सुखाड़ के स्थायी समाधान के लिए 17 जनवरी 2025 को अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा एक धरना आयोजित किया गया। इस धरने की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला कमिटी सदस्य बाखोरी प्रसाद ने की। सैकड़ों किसानों ने इस धरने में भाग लिया।

किसान महासभा के राज्य सह सचिव राजेंद्र पटेल ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण आज बिहार की खेती घाटे का सौदा बन चुकी है। सीमांत किसान खेती से मुंह मोड़ रहे हैं और लघु एवं बटाईदार किसानों पर बिहार की खेती निर्भर है। किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की जाए और मंडी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने अब तक इन मुद्दों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

किसान संगठन के जिला अध्यक्ष मुनीलाल यादव ने कहा कि हिलसा अनुमंडल बाढ़ और सुखाड़ से जूझ रहा है। सरकारी नलकूप बंद पड़े हुए हैं, और फल्गु बराज के बावजूद मुहाने नदी का मुंह बंद होने से इलाके में बाढ़ और सुखाड़ की समस्या बनी रहती है। उन्होंने मुहाने नदी का मुंह खोले जाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रखंड सचिव दिनेश कुमार यादव ने बताया कि 70% किसान बटाईदार और पट्टे की खेती करते हैं, लेकिन सरकार की उपेक्षा के कारण उनकी समस्याएं अनसुलझी हैं। बटाईदार किसानों को पंजीकृत न किए जाने से उनकी मेहनत का शोषण हो रहा है। उन्होंने बटाईदार किसानों को पंजीकरण की प्रक्रिया में शामिल करने और उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली सभी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की।

दिनेश कुमार यादव ने यह भी घोषणा की कि 9 मार्च 2025 को पटना गांधी मैदान में आयोजित ‘बदलो बिहार महाजुटान रैली’ में किसान जन संगठन हजारों की संख्या में भाग लेगा। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बटाईदार किसानों की मांग नहीं मानी गई, तो आगामी विधानसभा चुनाव में किसान एकजुट होकर सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।

इस धरने को माले के प्रखंड सचिव अरुण यादव, शिव शंकर प्रसाद, प्रमोद यादव, जनार्दन प्रसाद, मोहम्मद इरफान, डॉ. नरेश प्रसाद, रामेश्वर प्रसाद, जयप्रकाश पासवान, रविंद्र पासवान, चुन्नू चंद्रवंशी और अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।


 

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