छत्तीसगढ़

बड़ौदा खुर्द जलाशय निर्माण शुरू होने से बरसों बाद किसानों का सपना हो रहा साकार

 

कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने किया निर्माण कार्य का निरीक्षण, गुणवत्ता पर विशेष जोर

जल संरक्षण और सिंचाई सुविधा के विस्तार में ऐतिहासिक पहल

बड़ौदा खुर्द जलाशय – एक नजर में

* प्रशासकीय स्वीकृति – ₹ 89.70 करोड़
* बांध की कुल लंबाई – 720 मीटर
* बांध की ऊँचाई – 25 मीटर
* जलभराव क्षमता – 8.4 मिलियन क्यूबिक मीटर
* बांध का कुल क्षेत्रफल – 96.72 हेक्टेयर
* सिंचाई क्षमता – 1980 हेक्टेयर
* लाभान्वित गांव – 8 गांवों के सैकड़ों किसान

कवर्धा, 3 मार्च 2025। कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित बड़ौदा खुर्द जलाशय का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। यह जलाशय न केवल क्षेत्र के हजारों किसानों के लिए जीवनदायिनी बनेगा, बल्कि जल संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘जल शक्ति अभियान’ के तहत इस परियोजना को विशेष महत्व दिया गया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों और किसानों के संघर्षों ने इसे साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बड़ौदा खुर्द जलाशय का निर्माण शुरू होने के बाद क्षेत्र के किसानों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। आपसपस के ग्राम पड़कीपारा, बड़ौदा खुर्द, दैहानडीह, चैदेनी, सलिहा, चिलम खोदरा, कारेसरा, कुम्हार दनिया, बुधवारा सहित अनेक गांवों के किसानों ने इस परियोजना के लिए वर्षों तक संघर्ष किया था। आज यह जलाशय किसानों के हौसले और सरकार के मजबूत संकल्प का जीवंत उदाहरण बन रहा है।

बांध निर्माण कार्य का कलेक्टर ने किया अवलोकन

कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने बड़ौदा खुर्द जलाशय निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और अधिकारियों को गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों, तकनीकी विशेषज्ञों और निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि “यह परियोजना केवल एक बांध निर्माण का कार्य नहीं, बल्कि हजारों किसानों की आशाओं और आकांक्षाओं को साकार करने का प्रयास है। वर्षों तक संघर्ष करने के बाद अब जब यह सपना पूरा हो रहा है, तो हमें इसकी गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करना चाहिए।” निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता, एसडीओ, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, जिला पंचायत सदस्य श्री ईश्वरी साहू, रवि साहू सहित अन्य अधिकारी एवं किसान उपस्थित थे।

कलेक्टर के कड़े निर्देश – गुणवत्तापूर्ण और शीघ्र निर्माण सुनिश्चित करें

कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने निर्माण कार्य में गति लाने और संसाधनों को बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “बांध निर्माण कार्य किसी भी स्थिति में नहीं रुकना चाहिए। सभी अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करें और निर्माण कार्य की सतत मॉनिटरिंग की जाए।”

भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी, किसानों को मिलेगा मुआवजा

बांध निर्माण के लिए आवश्यक 31.39 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। 13 किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है, जिसका मुआवजा निर्धारित कर दिया गया है।
कलेक्टर ने तहसीलदार को निर्देश दिया कि प्रभावित किसानों को शीघ्र मुआवजा वितरित किया जाए और भूमि अधिग्रहण की किसी भी समस्या का त्वरित समाधान किया जाए।
मुख्य नहर के साथ माइनर नहरों के लिए भी सर्वेक्षण
बांध से अधिकतम किसानों को सिंचाई सुविधा मिले, इसके लिए कलेक्टर श्री वर्मा ने माइनर नहरों छोटी नहरों के निर्माण के लिए सर्वेक्षण शुरू करने के निर्देश दिए। इससे छोटे और सीमांत किसानों को भी लाभ मिलेगा, जो मुख्य नहर से दूर स्थित हैं।

सरकार और किसानों का साझा प्रयास

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सुशासन सरकार और बड़ौदा खुर्द जलाशय का निर्माण किसानों की एकजुटता और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की दूरदर्शी नीति का नतीजा है। वर्षों तक संघर्ष करने के बाद किसानों को इस ऐतिहासिक परियोजना का लाभ मिलने जा रहा है। यह जलाशय न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार करेगा, बल्कि जल प्रबंधन की दिशा में भी एक मिसाल बनेगा।
उल्लेखनीय है कि बड़ौदा खुर्द जलाशय का निर्माण कृषि विकास, जल संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के नेतृत्व में निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और सरकार इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए संकल्पित है।
“सिंचित खेत, खुशहाल किसान” – यही इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है, जो अब साकार होने जा रहा है। किसानों का वर्षों का सपना अब धरातल पर आकार ले रहा है, जिससे कबीरधाम जिले की कृषि अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

लाशय निर्माण – क्या होगा फायदा

1. सिंचाई सुविधा का विस्तार
इस जलाशय के निर्माण से 8 गांवों के सैकड़ों किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। मुख्य नहर से लगभग 1980 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय बढ़ेगी।
2. भूजल स्तर में सुधार
बांध निर्माण से जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र का भूजल स्तर बेहतर होगा। यह पेयजल संकट को दूर करने में भी मददगार साबित होगा।
3. कृषि उत्पादकता में वृद्धि
सिंचाई सुविधा के विस्तार से क्षेत्र में दोहरी फसल प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसान साल में एक से अधिक फसलें ले सकेंगे।
4. सूखा प्रभावित क्षेत्रों को राहत
इस जलाशय से आसपास के सूखा प्रभावित इलाकों को भी राहत मिलेगी, जिससे कृषि पर निर्भर हजारों लोगों को लाभ होगा।
5. मत्स्य पालन और ग्रामीण विकास
बांध निर्माण के बाद यहां मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों का विस्तार होगा।

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