छत्तीसगढ़

” जल जंगल जमीन के बाद आदिवासी नेतृत्व को दबाने व छीनने का काम भी कर रही है भाजपा” – उमेश पटेल

लैलूंगा । छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं खरसिया विधायक उमेश पटेल ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पखवाड़ा के दौरान ही एक सशक्त आदिवासी युवा नेता की आवाज को कुचलने का काम किया गया है। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पद से रवि भगत को हटाना, न केवल रायगढ़ के आदिवासी समाज का अपमान है बल्कि यह भाजपा के जनविरोधी और कॉर्पोरेटपरस्त रवैये का खुला सबूत भी है।

ज्ञात रहे कि रवि भगत, रायगढ़ जिले के सर्वाधिक औद्योगिक क्षेत्र वाली लैलूंगा विधानसभा के निवासी हैं। उन्होंने लगातार मांग की थी कि जिले के उद्योगों द्वारा दी जाने वाली CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) और DMF (जिला खनिज न्यास निधि) की राशि का उपयोग स्थानीय क्षेत्र के विकास में किया जाए, ताकि यहां के ग्रामीणों को उनके अधिकार और सुविधाएं मिल सकें। रायगढ़ जिले में सालाना लगभग ₹200-250 करोड़ DMF में जमा होता है, जो खनन से प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए है।

CSR के तहत जिले के उद्योगों को ₹100 करोड़ से अधिक की राशि हर साल शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण पर खर्च करनी होती है।

लेकिन भाजपा शासनकाल में यह राशि नियमों के विपरीत राजनीतिक लाभ के लिए प्रभावित क्षेत्रओ की अनदेखी कर इस्तेमाल की गई। आदिवासी बहुल गांवों में जहां पीने के पानी, सड़क, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र की भारी कमी है, वहीं करोड़ों रुपये उद्योगपतियों के अनुकूल योजनाओं और गैर-जरूरी प्रोजेक्ट्स में लगा दिए गए। जब रवि भगत ने इस मुद्दे पर खुलकर आवाज उठाई और रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी सहित भाजपा सरकार से जवाब मांगा, तो उनकी कुर्सी छीन ली गई।

लैलूंगा प्रवास के दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए उमेश पटेल ने कहा कि रवि भगत ने DMF और CSR में हो रहे भ्रष्टाचार पर वाजिब सवाल उठाए थे। यह प्रदेश के आदिवासी और औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े करोड़ों रुपये के हक का मामला था। भाजपा ने उन्हें यह सख्त संदेश दिया है कि अगर अडानी की टीम और सत्ता के खिलाफ बोलोगे, तो तुम्हें कीमत चुकानी पड़ेगी। पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि भाजपा पहले ही आदिवासियों के जल–जंगल–जमीन पर डाका डाल चुकी है, अब वह उनके नेतृत्व को भी छीनने पर आमादा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का असली चरित्र सामने आ चुका है। उद्योगपतियों की तिजोरी भरने के लिए आदिवासियों के हक छीने जा रहे हैं। DMF और CSR की राशि का दुरुपयोग कर उद्योग और सत्ता गठजोड़ मजबूत किया जा रहा है। आदिवासी समाज के भीतर से निकले निर्भीक और ईमानदार नेताओं को रास्ते से हटाया जा रहा है

उमेश पटेल ने कहा कि कांग्रेस आदिवासियों की आवाज को कभी दबने नहीं देगी और DMF व CSR घोटाले पर विधानसभा से लेकर सड़क तक संघर्ष करेगी।

उन्होंने प्रदेश के युवाओं और आदिवासी समाज से अपील की कि वे इस अन्याय के खिलाफ एकजुट हों, क्योंकि यह लड़ाई केवल एक पद की नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता, अधिकार और सम्मान की है। इस दौरान पूर्व विधायक हृदय राम राठिया ब्लॉक कांग्रेस कमेटी लेलूंगा के अध्यक्ष ठंडा राम बहरा जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष ओम सागर पटेल, दीनबंधु पटेल शंकर यादव शौकी प्रधान वीरेंद्र शाह रुपेश पटेल कृष्णा जायसवाल आलोक गोयल अपरांत सिंहा दिलीप केरकेट्टा शुभम गुप्ता बाबूलाल बंजारे प्रकाश शर्मा आकृत सारथी सानू खान आशीष सिद्धार्थ शिव शंकर पैंकरा सम्राट महंत आदि अनेक कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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