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अबूझमाड़ के कच्चापाल की पहाड़ी से पांच-पांच किलो के 15 आईईडी बरामद, यहीं दो जवान हुए थे घायल

नारायणपुर । नक्सलियों के द्वारा ग्रामीणों को जंगल और पहाड़ियों में नहीं जाने की हिदायत देने के बाद इलाके में सर्च अभियान बहुत ही तेज गति से किया जा रहा है। जिसके चलते बस्तर के इतिहास में पहली बार पुलिस के जवानों को जमीन के अंदर दफन पांच पांच किलो के 15 नग आईईडी बरामद हुआ है।अबूझमाड़ के कच्चापाल की पहाड़ियों में मिले बम से पुलिस भी हैरान हैं। दो दिन पहले इसी जगह पर डीआरजी के दो जवान आईईडी की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जिनका रायपुर में उपचार किया जा रहा हैं।

नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में पुलिस के द्वारा क्षेत्र में लगातार सघन नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में नवीन कैम्प कच्चापाल से डीआरजी, बीएसएफ 135वीं वााहिनी  के संयुक्त बल की टीम नक्सल विरोधी अभियान पर ग्राम तोक-मुसेर की ओर रवाना हुऐ थे।

सुरक्षा बलों के द्वारा कच्चापाल-तोके क्षेत्र के एरिया का सर्चिंग करते जा रहे थे कि सर्चिंग के दौरान कच्चापाल-तोके के बीच पहाड़ी में माओवादियो द्वारा सुरक्षा बलों को जान से मारने एवं गंभीर वृहत नुकसान पहुंचाने की नीयत से पूर्व से श्रृंखलाबद्ध तरीके से आईईडी लगाया गया। सुरक्षा बलों को उक्त आईईडी के दिखने पर अपनी बेहतर सुझबुझ से घटना स्थल की घेराबंदी कर तत्काल बीडीएस टीम को बुलाया गया ।

मौके पर बीडीएस टीम पहुंचकर सुरक्षा बलों के मदद से सुरक्षा मानको का पालन करते हुए अलग- अलग स्थानों पर श्रृंखलाबद्ध तरीके से लगाएं गए 15 नग आईईडी बरामद किया गया जिसकी अनुमानित वजन करीबन 05-05 किग्रा का था, जिसे सुरक्षित तरीके से मौक पर नष्टीकरण किया गया। विस्फोटशुदा स्थल से विस्फोटशुदा अवशेष, बिजली वायर आदि बरामद किया गया।

दो दिन पहले इसी जगह पर डीआरजी नारायणपुर के दो जवान घायल हुए थे। सुरक्षा बलों के सजकता और सतर्कता से ही आईईडी बरामद कर नष्टीकरण की कार्यवाही किया गया। निश्चित ही माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों का भारी नुकसान पहुंचाने की नीयत से अधिक संख्या में श्रृंखलाबद्ध तरीके से आईईडी लगाया गया था।

ग्रामीण और वन्य प्राणी को भी खतरा हो सकता था। माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी से इस साल अब तक 30 से ज्यादा ग्रामीण घायल हो चुके है। दो दिन पहले इसी जगह पर आईईडी ब्लास्ट की घटना में डीआरजी नारायणपुर के दो जवान घायल हुए थे।

18 दिसम्बर 2024 को जिला मुख्यालय नारायणपुर से दुर्गम, पहुंच विहीन अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्राम कच्चापाल में नवीन सुरक्षा एवं जनसुविधा कैम्प स्थापित किया गया है। उक्त घटना थाना कोहकामेटा क्षेत्र का है।

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