
सरगुजा, 19 दिसंबर 2024
लखनपुर थाना पुलिस ने फर्जी दस्तावेज, जाली विक्रेता और गवाहों के जरिए एक महिला की भूमि को धोखाधड़ी से बेचने के मामले में सख्त कार्रवाई की है। इस मामले में पुलिस ने रजिस्ट्री के दौरान गवाह के रूप में मौजूद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मामले का विवरण
प्रार्थिया प्रेमबाई, पति जय सिंह (उम्र 47 वर्ष), निवासी जजगी, लखनपुर ने 4 अगस्त 2024 को लखनपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता के निधन के बाद उनके पिता की भूमि का नामांतरण प्रार्थिया और उनके भाई छत्तर राम के नाम पर संयुक्त रूप से किया गया था।
छत्तर राम ने धोखाधड़ी की नीयत से अपनी बहन के नाम से फर्जी विक्रेता बनाकर अपनी रिश्तेदार प्रेमबाई को बहन के रूप में पेश किया और जान-पहचान के गवाहों की मदद से 5 अप्रैल 2023 को इस भूमि का फर्जी रजिस्ट्री दस्तावेज तैयार कर इसे एक अन्य खरीदार को बेच दिया।
जब प्रार्थिया को इस मामले की जानकारी मिली, तो उन्होंने थाना लखनपुर में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अपराध क्रमांक 188/24 के तहत धारा 420, 467, 468, 471, 120(बी), 201, 34 भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया।
पुलिस की कार्रवाई
मामले की जांच के दौरान पहले ही मुख्य आरोपी छत्तर राम और फर्जी विक्रेता प्रेमबाई को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा चुका है। अब पुलिस ने रजिस्ट्री दस्तावेज में गवाह के रूप में शामिल दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान:
- श्रीचंद गढ़ेवाल (उम्र 28 वर्ष), निवासी नमनाकला, गांधीनगर।
- भगवती यादव (उम्र 30 वर्ष), निवासी कृष्णापुर, गांधीनगर।
पूछताछ के दौरान खुलासा
पूछताछ में श्रीचंद गढ़ेवाल ने कबूल किया कि वह मुख्य आरोपी छत्तर राम का रिश्तेदार है और विक्रय राशि में से पैसा देने की बात कहने पर उसने गवाह के रूप में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।
वहीं, भगवती यादव ने बताया कि वह कोर्ट के दौरान मुख्य आरोपी से परिचित हुई थी और छत्तर राम द्वारा पैसे देने की बात कहे जाने पर रजिस्ट्री दस्तावेज में गवाह बनी।
पुलिस टीम की भूमिका
पुलिस अधीक्षक सरगुजा के निर्देश पर इस मामले में संपत्ति से जुड़े अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी लखनपुर निरीक्षक अश्वनी सिंह के नेतृत्व में टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। टीम में उप निरीक्षक प्रेमसागर खुटिया, प्रधान आरक्षक नरेंद्र जांगड़े, महिला आरक्षक मानिता तिग्गा, आरक्षक दशरथ राजवाड़े, जानकी राजवाड़े और डॉ. सिंह सिदार शामिल रहे।
निष्कर्ष
सरगुजा पुलिस की इस सख्त कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि संपत्ति से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। मामले की आगे की जांच जारी है, और पुलिस इस प्रकार के अन्य अपराधों पर भी नजर रख रही है।