नुआगांव प्रखंड में प्रशासनिक अव्यवस्था: जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के बीच टकराव बढ़ा, रेत समस्या को लेकर बैठक का बहिष्कार

सूंदरगढ़ जिला के नुआगाँव प्रखंड में इन दिनों तमाम अनियमितताएं देखी जा रही है, वही प्रखंड़ पदाधिकारी और जन प्रतिनिधियों के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा है फलस्वरूप आरोप प्रत्यारोप की खाई बढ़ती जा रही है। दिनांक 10-11-2024 को उरमई ग्राम पंचायत कार्यालय में होने वाली जन सूनवाई को भी बिना कोई कारण बताए नूआगांव प्रखंड़ पदाधिकारीयों द्वारा निरस्त कर दिया गया, वही दिनांक 12-11-2025 दिन -बुधवार को प्रखंड़ कार्यालय में आयोजित सरपंच, समिति सदस्यों की बैठक नहीं हो पाई, क्योंकि प्रखंड़ पदाधिकारीयों की कार्यशैली से नाराज जन प्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
सूत्रों से मिल रही सूचना के मुताबिक प्रखंड़ पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों के बीच कुछ महीनों से चल रहा समन्वय का अभाव भारी असंतोष का रूप लेता जा रहा है।
खबर यह भी है कि बैठक में विभिन्न विभागों के कर्मचारी/पदाधिकारी अनुपस्थित रहे,तो दूसरी ओर नुआगाँव प्रखंड़ अंतर्गत आनेवाले ग्राम रेत की समस्या से जूझ रहे है। स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा बार बार इस समस्या के समाधान की मांग की गई पर प्रखंड़ पदाधिकारीयों के कान में जूं तक ना रेगी जिससे जन प्रतिनिधि प्रखंड़ पदादिकारियों से नाराज नजर आ रहे है। इस बीच, रेत की समस्या पर कोई संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण सरपंच और समिति के सदस्य बैठक से अनुपस्थित रहे।
पंचायत समिति की बैठक शुरू होते ही सरपंच, समिति सदस्यों/सदस्यों ने बालू की समस्या को लेकर प्रखंड प्रशासन से बार-बार समस्या के समाधान की मांग की। लेकिन उनकी शिकायत थी कि प्रखंड प्रशासन उनकी एक न सुनी। बैठक एक घंटा भी नहीं चल सकी। बालू की समस्या के कारण बैठक का बहिष्कार कर दिया गया और जन प्रतिनिधियों ने उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर भी नही किए। इस बैठक में शामिल होने के लिए प्रखंड़ के सभी सरपंच और समिति सदस्य उपस्थित थे, पर कई बिभागो के पदाधिकारी अनुपस्थित रहे। यह पूरा मामला प्रखंड़ विकास अधिकारी की कमजोर नेतृत्व और कार्यशैली में लापरवाही का प्रमाण दे रहा है।





