धर्म ज्योतिष

रामनवमी पर रामलला का सूर्य तिलक, 500 साल बाद बना ऐसा अद्भुत संयोग, मनमोहक एवं चमत्कारी क्षण देख मंत्रमुग्ध हुए रामभक्त

अयोध्या।500 वर्ष बाद आज बुधवार को शुभ योग में रामलला एक हजार करोड़ रुपये से निर्मित भव्य महल में अपना जन्मदिन मनाया गया। सूर्यवंशी भगवान राम के मस्तक पर दोपहर 12:16 बजे स्वयं भगवान सूर्य की किरणें उनका तिलक अभिषेक किए। यह विज्ञान और इंजीनियरिंग के अदभुत प्रयोग से सफल हुआ।

रामनवमी के अवसर पर आज बुधवार को अयोध्या में रामलला का ‘सूर्य तिलक’ दर्पण और लेंस से युक्त एक विस्तृत तंत्र के माध्यम से किया गया। इस तंत्र के जरिए सूर्य की किरणें राम की मूर्ति के माथे पर पहुंचीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी को उद्घाटन किए गए नए मंदिर में राम मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है।

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का सूर्य तिलक सूर्यदेव ने किया। दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर सूर्य अभिषेक प्रारंभ हुआ, जो करीब 5 मिनट तक चला। अयोध्या में राम मंदिर बनने और प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी है। जैसे ही रामलला के मस्तक पर सूर्य की पहली किरण पहुंची मंदिर का वातावरण भक्ति भाव में डूब गया।

विधि-विधान के साथ भगवान राम की पूजा की गई और मंगल गीत और भजन गाया गया। दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर सूर्य अभिषेक प्रारंभ हुआ, जो करीब 5 मिनट तक चला। रामलला के मस्तक जब सूर्य की किरणें पड़ी तो पूरा दृश्य अलौकिक और दिव्य दिखा। करीब 5 मिनट तक रामलला के मस्तक पर सूर्य का टिका बना रहा।

विस्तृत गणना से पता चलता है कि श्री रामनवमी की तिथि हर 19 साल में दोहरायी जाती है। बता दें कि यह अद्भुत अवसर था। दर्पण और लेंस से युक्त एक विस्तृत सिस्टम के द्वारा यह प्रक्रिया संपन्न कराई गई। इस सिस्टम के द्वारा सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक तक पहुंची। रामनवमी के मौके पर श्रद्धालुओं को यह अद्बभुत दृश्य देखने को मिला। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अद्भुत क्षण के वीडियो के टैब के माध्यम से देखा। यह वीडियो देखकर वे श्रद्धा से भावविभोर नजर आए।

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