छत्तीसगढ

कोरिया पुलिस द्वारा की गई स्कूल बसों की सुरक्षा मानकों की जाँच

अति. पुलिस अधीक्षक ने ली प्राचार्यगणों और स्कूल बस संचालकों की बैठक, दिए बच्चों और बसों की सुरक्षा के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश

माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का हो शत-प्रतिशत पालन

वरिष्ठ कार्यालयों द्वारा समय-समय पर प्राप्त मौखिक एवं लिखित निर्देशों के अनुरूप सड़क पर वांछित अनुशासन एवं सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने, बाजार में सड़क पर दिख रही अव्यवस्था एवं सड़क दुर्घटनाओ की मृत्यु में कमी लाने के उद्देश्य से कोरिया पुलिस द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सतत कार्यवाही की जा रही है।

इसी तारतम्य में यातायात के नियमों का पालन कराने स्कूली बच्चों के सुरक्षा को लेकर पुलिस अधीक्षक कोरिया सूरज सिंह परिहार के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोनिका ठाकुर की अध्यक्षता में मंगलवार दिनांक 16 अप्रैल 2024 रक्षित केंद्र के कॉन्फ्रेंस हॉल में जिन विद्यालयों में स्कूल बसें संचालित हैं उनके प्राचार्यगणों की बैठक आयोजित की गई।

उक्त बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा प्राचार्यगणों को आवश्यक दिशा-निर्देश के साथ ही चालक एवं परिचालकों को उनके उत्तरदायित्व के बारे में विधिवत जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि सभी चालकों का चरित्र सत्यापन अनिवार्य रूप से करवा लें, विद्यालयीन वाहनों में जाली लगाने एवं इमरजेंसी गेट अनिवार्य रूप से रखने हेतु निर्देशित भी किया है।

उक्त बैठक में स्कूली बसों के संचालन के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों से अवगत कराते हुए बताया गया कि प्रत्येक वाहन के आगे एवं पीछे ऑन स्कूल ड्यूटी विपरीत रंग से लिखा जावे, प्रत्येक वाहन की खिड़कियों में क्षितिज के समानांतर जाली की व्यवस्था की जाए, वाहन में प्राथमिक उपचार पेटी एवं अग्नि समन यंत्र की व्यवस्था की जाएगी, वाहन में एक प्रशिक्षित परिचारक हो जो बच्चों को उतारने और चढ़ाने में सहायता करे।

बैठक में एएसपी कोरिया ने यह भी कि बताया कि यदि छात्रा आना-जाना करती हैं तो महिला स्टाफ का रहना अनिवार्य है, स्कूल बस का चालन वही चालक करें जिनके पास 5 वर्षों का भारी वाहन चालन का अनुभव हो, वाहन में स्कूली बच्चों के अलावा किसी अन्य को बैठने की अनुमति नहीं है, प्रत्येक वाहन में सीट के नीचे बस्ता रखने का पर्याप्त स्थान होना चाहिए, वाहनों का संचालन विहित गति सीमा के भीतर किया जाएगा तथा प्रत्येक बस में स्पीड राडार गन लगा होना चाहिए।

उक्त बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि वाहनों में फिल्म युक्त रंगीन कांच अथवा पर्दा नहीं लगा होना चाहिए, वाहनों में प्रेशर हार्न नहीं होना चाहिए, स्कूल बसें 12 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए साथ ही वाहन का कागजात रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र, बीमा, फिटनेस, परमिट, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र, कर अदायगी की रसीद, चालक का ड्राइविंग लाइसेंस, ड्राइवर कंडक्टर का चरित्र सत्यापन आदि पूर्ण रूप से वैध होना चाहिए।

बैठक के दौरान चालक एवं परिचालक को उनके कर्तव्यों से अवगत कराया गया, जिसमें चालक को निर्देशित किया गया कि बस में समय से पहले साफ सुथरी वर्दी में पहुंचे एवं बस का पूर्ण रूप से निरीक्षण कर लें, चालक का कर्तव्य है कि वह जांच कर लेवें की फर्स्ट ऐड बॉक्स, फायर एक्सटिंग्विशर, स्पीड गवर्नर, बस के ऊपर चारों तरफ बत्तियां, स्कूल बोर्ड आगे पीछे जिस पर विद्यालय का दूरभाष व कोरिया पुलिस नियंत्रण कक्ष का संपर्क नंबर अंकित होना चाहिए, बस को 40 किलोमीटर प्रति घंटा से तेज ना चलाएं, निर्धारित स्थल से ही बच्चों को चढ़ायें व उतारें, संख्या से अधिक बच्चे ना बैठाएं।

बैठक उपरांत विविध शैक्षणिक संस्थानों से आए 17 स्कूल बसों की जांच पुलिस वाहन शाखा प्रभारी जनकराम तिवारी, सहायक उप निरीक्षक यातायात किशुन राम भगत व पुलिस के प्रशिक्षित वाहन चालकों के द्वारा किया गया, जिसमें जांच के दौरान सभी वाहनों के कागजात सही पाए गए। 08 वाहनों में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पूर्ण रूपेण पालन करना नहीं पाया गया, जिन्हें 15 दिवस का समय देकर पूर्ण कर पुनः जांच कराने हेतु निर्देशित किया गया है।

उक्त बैठक में डी.एस.पी मुख्या. श्याम लाल मधुकर, प्रशिक्षु डी.एस. पी. रविकांत सहारे, यातायात प्रभारी विपुल जांगड़े एवं जांच कार्यवाही के दौरान विभिन्न शैक्षिक संस्थानों से आए प्राचार्यगणों के साथ वाहन चालक एवं परिचालक प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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