जशपुर पुलिस की सतर्कता एवम त्वरित कार्यवाही से हत्या का अपराध घटित होने से टला,
प्रार्थी मेधनाथ राम उम्र 22 वर्ष निवासी खौरा सरडीह का दिनांक 26/12/17 को थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज कराया था कि इसका बडा भाई मृतक लखन राम उम्र 30 वर्ष थाना आस्ता जिला जशपुर को चप्पल बदल कर ले जाने पर आरोपी (1) तेजा राम उम्र 47 वर्ष इसका लडका (2) आरोपी सुखसाय राम पिता तेजा राम उम्र 28 वर्ष दोनो निवासी ग्राम माडो थाना आस्ता जिला जशपुर के द्वारा मृतक लखन राम को लाठी डन्डा से मार कर हत्या कर शव को ले जाकर तालाब में फेक दिये थे कि रिर्पोट पर थाना आस्ता में आरोपियों के खिलाफ अपराध क 18/17 धारा 302, 201, 34 भादवि कायम कर विवेचना के दौरान दोनो आरोपियों को गिरफतार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया।
उक्त दोनों आरोपियों को माननीय सत्र न्यायालय जशपुर के द्वारा दिनांक 19/09/2018 को आजीवन कारावास कि सजा सुनाई गई। दोनो आरोपी केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर में निरूद्ध रह कर सजा काट रहे थे।
इसी दौरान 2021 में आरोपी सुखसाय राम उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम माड़ो ने COVID-19 के दौरान परिवार से मिलने हेतु माननीय न्यायालय से पैरोल पर छोड़ने हेतु निवेदन किया था, जिसे पैराल दिया गया था। आरोपी पैरोल से छूटने के बाद नियत तिथि को वापस केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर में वापस नहीं जाकर फरार हो गया।
कुछ दिनों से आरोपी के परिवार का और इमिल केरकेटा के बीच खेत जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। ईमिल केरकेटा का नाती जयसन केरकेट्टा और जानसन केरकेट्टा दोनो विवादित खेत में जेसीबी से नाली बनवा रहे थे इस बात कि जानकारी फरार आरोपी सुखसाय राम को हुआ तो वापस गांव आकर सुखसाय राम अपने हाथ में टांगी लेकर अपनी मां को बोला कि आज दोनो को जान से मारकर खत्म कर दूंगा वैसे भी सजा काट रहा हूं दोनो सजा एक साथ चलेगा कहकर खेत के तरफ चला गया।
इसकी सुचना आस्ता थाना को प्राप्त होने पर पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सोनी के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में थाना प्रभारी उप निरीक्षक संतोष सिंह की नेतृत्व में तत्काल 02 टीम गठित कर मौके के लिए रवाना किया गया, घटना को भांपकर एक टीम को घटना स्थल की ओर भेजा गया तथा दूसरी टीम को आरोपी को पकडने के लिये संभावित रास्ते मे भेजा गया आरोपी घटना स्थल के पास पहुंच ही रहा था कि आरोपी को घेराबन्दी कर घर दबोचा गया। यदि पुलिस के द्वारा त्वरित कार्यवाही नही कि जाती तो आरोपी बड़ी घटना को अंजाम दे देता।
आरोपी को गिरफ्तार कर आरोपी के खिलाफ प्रकरण तैयार कर आरोपी को अभिरक्षा मे लेकर कर न्यायालय पेश किया गया। इसकी सूचना केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर को दिया गया है।आरोपी को अभिरक्षा में लेने में उप निरीक्षक संतोष कुमार सिंह, प्र.आ. 473 भोलानाथ सिंह, आर. 451 जगनारायण प्रसाद, आर. 652 अनिल भगत एवं अन्य थाना स्टाफ की सराहनीय योगदान रहा है।