अंधे कत्ल की गुत्थी को जशपुर पुलिस ने 2 दिन में सुलझाया
बटईकेला (चुल्हापानी) में हुई ठीरू राम नागवंशी की हत्या का आरोपी बलसाय पैंकरा अविलंब जशपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा,
रायगढ़ जिला के थानों एवं पत्थलगांव में नाकाबंदी कर फरार बलसाय पैंकरा की तलाश की गई,
मजदूरी का पैसा को लेकर आरोपी एवं मृतक के बीच विवाद था,
आरोपी को रायगढ़ जिला के पूंजीपथरा ईलाके से गिरफ्तार किया गया,
जशपुर पुलिस एवं रायगढ़ पुलिस के संयुक्त प्रयास से आरोपी हुआ गिरफ्तार,
आरोपी बलराम पैंकरा के कब्जे से घटना में प्रयुक्त डंडा, दौली एवं मोटर सायकल जप्त,
थाना कांसाबेल में आरोपी के विरूद्ध अप.क्र. 124/24 भा.न्या.सं. की धारा 103(1) का अपराध दर्ज।
नाम आरोपी:- बलसाय पैंकरा उम्र 38 साल निवासी गंझूटोली बटईकेला थाना कांसाबेल।
नाम मृतक:- ठीरू राम नागवंषी उम्र 38 साल निवासी बटईकेला (चुल्हापानी) थाना कांसाबेल।
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 11.11.2024 के शाम लगभग 06ः30 बजे मृतक ठीरू राम नागवंशी उम्र 38 साल अपने गांव बटईकेला के खेत तरफ से झाडू में इस्तेमाल करने की घांस को अपने सायकल के पीछे तरफ ढोकर आ रहा था, केंवटीनडाड़ के पीएमजीएसवाई के पास आम रास्ता में पहुंचने पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके मुंह पर नुकीली वस्तु से वार कर हत्या कर दिया। मृतक के भाई हीरू राम नागवंशी उम्र 35 साल की रिपोर्ट पर अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध थाना कांसाबेल में भा.न्या.सं. की धारा 103(1) का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
प्रकरण में पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अनिल सोनी द्वारा उप पुलिस अधीक्षक श्री विजय राजपूत एवं थाना प्रभारी कांसाबेल के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित कर आरोपी की पतासाजी एवं गिरफ्तारी के निर्देश दिये गये, टीम में सायबर सेल को भी सम्मिलित किया गया।
प्रकरण की विवेचना दौरान ज्ञात हुआ कि मृतक ठीरू राम नागवंशी के परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने से लगभग 02 साल पूर्व मृतक की पत्नी और आरोपी बलसाय पैंकरा दोनों रायगढ़ में ज्यादा मजदूरी मिलेगा कहकर वहां काम करने गये थे। मृतक की पत्नी को मजदूरी का पैसा आज तक नहीं मिला है, मजदूरी में मिले पूरे पैसा को बलसाय पैंकरा अपने पास रख लिया था।
इस बात को लेकर ठीरू राम नागवंशी एवं बलसाय पैंकरा के बीच विवाद होता रहता था। लगभग 05 माह पूर्व भी दोनों के मध्य मजदूरी के पैसों को लेकर विवाद था, एवं इसको लेकर प्रार्थी हीरू राम नागवंशी तथा ठीरू राम नागवंशी दोनों मिलकर बलसाय पैंकरा को मारपीट किये थे, इस कारण से अपमानित होने पर बलसाय पैंकरा विवाद रखता था एवं कहता था कि *”जिस दिन मौका मिलेगा दोनों भाईयों का मार डालूंगा।”
पुलिस टीम द्वारा इसी आधार पर प्रकरण के संदेही बलसाय पैंकरा की पता-तलाश की जा रही थी, जो अपने घर से फरार था। इसी दौरान मुखबिर से बलसाय पैंकरा के ग्राम केरजू थाना सीतापुर क्षेत्र में जाने की सूचना मिली। पुलिस टीम द्वारा उसका पीछा करने पर वह वहां से कहि भाग गया, इस पर रायगढ़ जिला के थानों एवं पत्थलगांव में नाकाबंदी कर फरार संदेही बलसाय पैंकरा की सरगर्मी से तलाश की जा रही थी।
पुलिस अधीक्षक के निर्देेशन में उप पुलिस अधीक्षक श्री विजय राजपूत एवं रायगढ़ पुलिस से उप पुलिस अधीक्षक श्री अभिनव उपाध्याय एवं उनकी टीम द्वारा संयुक्त रूप से एक जाल बुनकर कार्यवाही कर दबिश देकर प्रकरण के संदेही आरोपी बलसाय पैंकरा को बीती रात्रि 03 बजे पूंजीपथरा ईलाके के एक घर से अभिरक्षा में लिया जाकर वापस थाना लाया गया।
पूछताछ में बलसाय पैंकरा ने उक्त अपराध को घटित करना स्वीकार करते हुये बताया कि यह दिनांक 10.11.2024 को अपनी मोटरसायकल से 03 बार ठीरू राम नागवंशी के घर के आस-पास मारने के उद्देष्य से गया था, किन्तु मौका नहीं मिलने पर वह वापस अपने घर आ गया। दिनांक 11.11.2024 के शाम को ठीरू राम नागवंशी अकेला घास को ढोकर रास्ते में आ रहा था, इसी दौरान मौका देखकर बलसाय पैंकरा ने उसके पास जाकर अपने पास रखे डंडा से अनेकों बार ठीरू राम नागवंशी के मुँह सिर में मारा जिससे वह जमीन में गिर गया, फिर छिपाकर रखे लौहे का दौली से उसके मुंह पर भी वार कर हत्या कर दिया। आरोपी घटना घटित कर केरजू जाने के बाद दूसरे दिन रायगढ़ भाग जाना बताया। आरोपी बलसाय पैंकरा के विरूद्ध पर्याप्त अपराध सबूत पाये जाने पर उसे दिनांक 14.11.2024 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपी की गिरफ्तारी में उप पुलिस अधीक्षक श्री विजय राजपूत, उप पुलिस अधीक्षक श्री अभिनव उपाध्याय एवं टीम, निरीक्षक गौरव पांडेय, उप निरीक्षक नसरूद्दीन अंसारी, स.उ.नि. नीता कुर्रे, स.उ.नि. राजेश यादव, प्र.आर. 689 विनोद केरकेट्टा, आर. 428 गोविन्द नायक, आर. 749 प्रषांत पैंकरा, आर. 496 शरतचंद बेहरा, आर. 114 षिवचंद भगत, म.आर. 640 मुधरवीणा खाखा, म.आर. 149 ग्लोरिया तिर्की का योगदान रहा है।