कलेक्टरेट कर्मचारी के सुसाइड नोट से मची सनसनी, तीन अफसरों पर लगाये आरोप, शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई
रायपुर । कलेक्ट्रेट के राजस्व विभाग में पदस्थ अपर डिवीजन क्लर्क की आत्महत्या ने प्रशासनिक गलियारों में सनसनी फैला दी है। मृतक क्लर्क प्रदीप उपाध्याय ने घर में फांसी पर लटककर जान दे दी थी। क्लर्क ने अपने सुसाइड नोट में ADM स्तर के 3 अफसरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। पुलिस ने दो पेज का सुसाइड नोट जब्त किया है। इसमें राज्य सरकार और कांग्रेस से दोषियों को सजा दिलाने की मांग क्लर्क ने की है। सुसाइड नोट में लिखा है कि कलेक्टर गौरव सिंह के सामने भी मेरा इंप्रेशन खराब किया गया। मेरे द्वारा गौरव सिंह से तीन बार आवेदन उनके पास उपस्थित होकर दिया गया, लेकिन कलेक्टर, ADM से बात करने के बाद मेरे को बदनाम करने वाला बोलकर मेरे किसी आवेदन में कार्रवाई नहीं की गई। मुझे देवेंद्र पटेल एडीएम, गजेंद्र ठाकुर अपर कलेक्टर द्वारा सभी अधिकारियों के समक्ष बेइज्जती की गई। ब्राह्मण को यहां से भगाओं कहकर बेइज्जत किया गया। आगे लिखा है- वीरेंद्र बहादुर तत्कालीन अपर कलेक्टर ने मुझे पूरी तरह परेशान किया। तीनों अधिकारी मेरे आत्महत्या करने के दोषी है। इन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाए। साथ ही उनकी संपत्ति की जांच साल 2019 से की जाए।
क्या लिखा है सुसाइड नोट में
सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा था कि, ‘मैं प्रदीप उपाध्याय पूरे होश हवास में यह आत्महत्या पत्र लिख रहा हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि जिन अधिकारियों का नाम है। उन्हें भाजपा सरकार या तो कांग्रेस पार्टी जरूर सजा दिलाएगी। मैं पूरी ईमानदारी कर्तव्य निष्ठा से अपना कार्य कर रहा था।’ ‘मुझे डायवर्सन शाखा के साथ राजस्व आपदा का काम सौंपा गया था। मुझे परेशान करने के लिए देवेंद्र पटेल तत्कालीन SDO रायपुर आज दिनांक में कलेक्ट्रेट रायपुर में ADM है। गजेंद्र ठाकुर अपर कलेक्टर के साथ मिलकर मुझे नजीर शाखा में अतिरिक्त कार्य सौंपा गया।”मैं अपना काम निष्ठा से कर रहा था, लेकिन अधिकारियों तत्कालीन ADM गजेंद्र ठाकुर, तत्कालीन ADM वीरेंद्र बहादुर और SDO देवेंद्र पटेल ने किसी नेता से मेरी फर्जी शिकायत कराकर मेरा खरोरा ट्रांसफर कर दिया। हर अधिकारी से मेरी बुराई की गई। जिससे कलेक्टर के सामने मेरी छवि खराब की गई।”लेकिन मेरी शिकायत प्राप्त नहीं होने पर देवेंद्र पटेल और गजेंद्र ठाकुर द्वारा भूमिका बनकर किसी नेता से तत्कालीन कलेक्टर को फोन कर शिकायत कराई गई। मुझे खरोरा ट्रांसफर कर दिया गया। देवेंद्र पटेल द्वारा किसी न किसी रूप से मुझे परेशान किया गया। मेरे खिलाफ बार-बार हर अधिकारी के पास मेरी बुराई की।’