झारखंड

बच्चों में हमेशा सकारात्मक विचार भरने का प्रयास करें- डॉ जॉन मेजल संत जेवियर स्कूल में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए किया गया अभिभावकों का मोटीवेशन कार्यक्रम

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बतौर मुख्य अतिथि चेन्नई के डॉ जॉन मेजल ने कहा बच्चों के रुचि विषय को जानने का प्रयास करें और उसमें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करें

चक्रधरपुर। बच्चों के सुगम भविष्य निर्माण के लिए बच्चों से दोस्ताना व्यवहार के साथ साथ उनमें हमेशा सकारात्मक विचार और चिंतन का दम भरने का प्रयास करें। अपने बच्चों की तुलना किसी और बच्चे के साथ न करे। उसके रुचि विषय की पहचान कर उसके माध्यम से आगे बढ़ाने का प्रयास करें। यह बात रविवार को चक्रधरपुर पोटका स्थित संत जेवियर स्कूल की और से आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में अभिभावकों को संबोधित करते हुए तमिलनाडु चेन्नई के लीडमैक्स के संस्थापक सीईओ सह पांडिचेरी यूनिवर्सिटी के पीएचडी गोल्ड मेडलिस्ट डॉ जॉन मेजल ने कहा।

उन्होंने कहा कि बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित करने का प्रयास करें। बच्चों में उम्र के अनुसार ज्ञान में भी वृद्धि होता है। समय से पहले कुछ करने की अपेक्षा रखने के बजाय उसे उसके रुचि विषय को जानने का प्रयास करें। डॉ जॉन ने कहा कि बच्चों को छोटी छोटी वस्तुओं में खुशियां सृजन कर उन्हें प्रोत्साहित करने का प्रयास करें। उन्होंने कुछ प्रतिष्ठित कंपनियों के तीन शीर्ष अधिकारियों के सकारात्मक और नकारात्मक विचारों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए अभिभावकों को बच्चों को हमेशा सकारात्मक अनुभव का साझा करने के लिए प्रेरित किया।

अभिभावकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मैं बच्चों किए क्या किया और मैं बच्चों में क्या अपेक्षा रखता हूँ। बच्चों के सामने कभी भी अपने बीते हुए मुश्किलों की घड़ी का जिक्र न करें और उन्हें हमेशा अच्छा होगा कह कर प्रेरित करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि कोई बच्चा मैथ में कमजोर है तो उनके अन्य किसी विषय पर रुचि होगी उसे उसी विषय पर आगे बढ़ाने का प्रयास करें। डॉ जॉन ने बच्चों के टीनएज की आम समस्या, चाइल्ड डेवलपमेंट, बच्चों के रिस्की व्यवहार एवं अन्य कई महत्वपूर्ण टॉपिक पर उदाहरण के साथ समझाया। उन्होंने पिछले 40 साल और मौजूदा समय का तुलना करते हुए पुराने विचारों को छोड़कर मौजूदा समय के अनुसार बच्चों से दोस्ताना व्यवहार करने पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि बच्चों के सामने उनके छोटी छोटी अच्छे कामों की प्रशंसा करे और कुछ गलत किया हो या उसे अलग से समझाने के प्रयास करें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बच्चों को कम से कम सात से आठ घंटे का नींद लेने के लिए कहें। 9,10 और 11 वीं कक्षा के अभिभावकों को लगभग सवा घंटे तक दिए गए मोटीवेशन प्रोग्राम में उन्होंने बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए स्कूल, शिक्षक और अभिभावकों के संयुक्त प्रयास पर बल दिया। उन्होंने वैज्ञानिक फ्लिंट मैट्रिक्स के कुछ उक्तियों की समीक्षात्मक उदाहरण पेश किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को किसी चीज का दबाव नहीं डाले।

उन्हें उन्मुक्त होकर अपना काम करने दें। बच्चों के रिस्की व्यवहार का पीछे रहकर खुल कर उनका साथ दें। उन्होंने बाज और बाज के बच्चों के लालन पालन और उन्हें उड़ने के लिए सिखाने के लिए बाज के द्वारा बच्चों को कितना पहाड़ के ऊपर से कैसे छोड़ कर उड़ने सिखाया जाता है उदाहरण देकर मोटिवेट किया। इस अवसर पर स्कूल के अध्यक्ष सह फादर पुथूमय राज ने भी अभिभावकों को संबोधित करते हुए बच्चों की सर्वांगीण शिक्षा के लिए स्कूल शिक्षक और अभिभावकों का समन्वय की आवश्यकता होने की बात कही। शनिवार को उन्होंने स्कूल के कक्षाओं में बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्ति के गुर बताए। कार्यक्रम का स्वागत छात्राओं के स्वागत संगीत के साथ हुआ वहीं स्कूल के छात्राओं के द्वारा बंगाल और ओडिशा के संबलपुरी नृत्य का मिश्रण को अभिभावकों ने खूब सराहा। इस अवसर पर संत जेवियर स्कूल के शिक्षक और बड़ी संख्या में अभिवावकगण शामिल हुए।

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