
शिक्षा के प्रति समर्पण का अद्भुत उदाहरण
ग्राम पंचायत Telikot Sarpanch ने उस समय सभी का दिल जीत लिया जब उन्होंने प्राथमिक शाला तेलीकोट में शिक्षकों की कमी होने पर स्वयं बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी संभाली। सरपंच का यह कदम न सिर्फ प्रशासनिक दायित्व का प्रतीक है, बल्कि यह शिक्षा के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता को भी दर्शाता है।
बच्चों और शिक्षकों ने किया गर्मजोशी से स्वागत
जब Telikot Sarpanch स्कूल पहुँचीं, तो बच्चों के चेहरों पर मुस्कान और उत्साह देखने लायक था। विद्यार्थियों ने पुष्पमालाओं से उनका स्वागत किया, वहीं शिक्षकों और ग्रामीणों ने उनके इस प्रयास की सराहना की। यह दृश्य गांव में शिक्षा के प्रति नए उत्साह का संदेश लेकर आया।
गांव में बढ़ी शिक्षा के प्रति जागरूकता
Telikot Sarpanch के इस कदम ने ग्रामीणों में शिक्षा के महत्व को लेकर नई सोच जगाई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब पंचायत की मुखिया स्वयं बच्चों को पढ़ाने पहुंचती हैं, तो यह पूरे समाज के लिए प्रेरणा का विषय बन जाता है।
सामाजिक सरोकार और नेतृत्व की नई मिसाल
Telikot Sarpanch ने यह साबित किया है कि सच्चा नेतृत्व केवल निर्णय लेने में नहीं, बल्कि स्वयं आगे बढ़कर कार्य करने में है। इस पहल से उम्मीद है कि अन्य पंचायतें भी शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की दिशा में प्रेरित होंगी।





