मानीसाई में एक करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से बनेगा सड़क , विधायक सुखराम ने विधिवत रूप से पूजा पाठ और नारियल फोड़कर किया निर्माण कार्य का भूमिपूजन
चक्रधरपुर। चक्रधरपुर प्रखंड अंतर्गत इटोर पंचायत के उलीबेड़ा से मानीसाई गांव तक करीबन डेढ़ किलोमीटर सड़क का निर्माण मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत किया जायगा। लगभग एक करोड़ 60 लाख 50 हजार रुपए की लागत से बनने वाले इस सड़क का देखरेख ग्रामीण कार्य विकास विभाग द्वारा किया जाएगा।
शनिवार को विधायक सुखराम उरांव उलीबेड़ा गांव पहुंचे और सड़क निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। इससे पहले ग्रामीणों ने विधायक सुखराम उरांव का पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया। इस दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए विधायक सुखराम उरांव ने कहा कि उलीबेड़ा से मानीसाई तक पक्की सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को बरसात के दिनों में चलना मुश्किल हो रहा था। उन्होंने कहा की पिछले साल उनके।द्वारा ग्रामीणों को समस्या को देखते हुए कच्ची सड़क को चलने लायक बनाया गया था जिससे ग्रामीण इस सड़क पर आवागमन कर रहे थे। अब उक्त सड़क की पक्कीकरण करने को स्वीकृति मिल गई है। इसका निर्माण कार्य के लिए भूमिपूजन किया गया। करीबन डेढ़ किमी सड़क का निर्माण होना है जिसकी लागत एक करोड़ 60 लाख रुपए है। इस सड़क के बनने से मानीसाई के ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि उलीबेड़ा से गुजरने वाले सड़क का भी टेंडर हो चुका है। 15 अक्टूबर के बाद से निर्माण कार्य प्रारंभ होंगे। एनएच 75 (ई) उलीडीह से चार मोड़ तक करीबन 17 किमी तक आर सी डी सड़क बनेगा। इसकी लागत 39 करोड़ है। इसमें दो पुल भी बनेंगे। उन्होंने कहा कि डुमरडीहा से पारिया तक भी सड़क बनने वाली हैं। उसकी भी स्वीकृति हो गया है। उन्होंने कहा कि पारिया और घाघरा घाट पुल भी बनेगा। उसका भी स्वीकृति हुआ है। विधायक ने किया गया टेबुल लाइन की सड़क ग्रामीण सड़क से आरसीडी में कनवर्ट कर रहे हैं। चार साल पहले उक्त सड़क का मरम्मत हुआ है।
विभाग का गाइड लाइन है कि कोई भी सड़क मरम्मति हो या निर्माण, लेकिन उस सड़क का दोबारा कार्य पांच साल के बाद होता है। इस लिए ग्रामीणों से निवेदन है कि गुणवत्ता पर समझौता नहीं करें। स्वयं ध्यान देकर सड़क निर्माण कराएं। उन्होंने कहा कि टेबल लाईन सड़क की स्वीकृति भी जल्द होगा। मौके पर विधायक प्रतिनिधि मिथुन गागराई, पीरु हेंब्रम, उप प्रमुख विनय प्रधान, प्रदीप महतो, राजू बांदिया, दिलीप बोदरा, बालकृष्ण बोदरा, संजय बोदरा, शंकर बोदरा, कान्हु सामड, देवेंद्र बोदरा, बुडन सिंह बोदरा, गंगाराम बोदरा, मुन्ना गोप, अमर बोदरा, माटू बोदरा समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।