
सड़क पर खुलेआम बिक रही खाद्य सामग्री से बीमारी फैलने का खतरा
सूरजपुर @कौशलेन्द्र यादव । जिले में पिछले एक सप्ताह से बारिश का दौर जारी है , बरसात के सीजन में शहर के चौक चौराहे में खुले आम खाद्य एवं पेय पदार्थ बिक्री हों रही हैं । वहीं दूसरी तरफ इनके उपयोग से लोगों की सेहत पर सीधे असर पड़ रहा है , इसके वावजूद बाजार में जगह जगह पर बिक्री हों रहे खाद्य सामग्री निर्माण कार्य के दरम्यान स्वच्छता का ध्यान नहीं रखने से लोगों की सेहत प्रभावित हो रही है। इसका प्रमाण कई लोग ऐसे सामग्री का सेवन कर बीमारियों से ग्रस्त होकर अस्पतालों में उपचार कराते नजर आ रहे है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन इन लोगों के द्वारा बेचे जा रहे खाद्य सामग्री की रोकथाम के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है खाद्य विभाग के अधिकारी भी बाजार में इस तरह के खाद्य पदार्थों को बेचने से रोकने में कोई रूचि नहीं दिखा रही है। इसे लेकर खाद्य विभाग भी जांच करने तेजी नहीं दिखा रहा है इससे सीधे जन सामान्य के स्वास्थ्य पर लगातार खतरा बढ रहा है।
सड़क व नालियों के किनार बिक रहे हैं फास्टफूड
बारिश के बौछारों के बीच सड़क व नालियों के किनारे लगाई गई दुकानों पर भिनभिनाती मक्खियों से बीमारी फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, मगर सब चलता है की तर्ज पर लोग इसी दुकानों से खाने-पीने का सामान खरीद रहे हैं। ऐसे में लोग जाने- अनजाने में संक्रामक बीमारियों को निमंत्रण भी दे रहे हैं। खुले आम बर्गर, चाऊमीन, आदि फास्ट फूड सहित अन्य कई प्रकार की खाद्य सामग्रियां बेची जा रही हैं। इन्हें साफ सफाई और ढ़क कर नहीं रखने से मक्खियां भी दूषित कर रही हैं।
बारिश में संक्रमण का खतरा ज्यादा
बरसात का महीना भले ही कई लोगों के लिए पसंदीदा रहा हो लेकिन यह समय शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। इस मौसम में भीगने और वातावरण में होने वाली नमी से स्वास्थ्य खराब होने का आशंका बढ़ जाता है। भीग जाने के बाद कपड़ों का गीलापन और तापमान का उतार चढ़ाव समस्या को बढ़ा देता है। यह समय मच्छरों के प्रजनन काल होता है जिसकी वजह से मलेरिया, डेंगू और टाईफाइड जैसे संक्रामक बीमारी तेजी से फैलती है।
यहां बिक रहा है खाद्य सामग्री
ज़िला अस्पताल मार्ग से लेकर बाजार, अग्रेसन चौक, नेहरू पार्क चौपाटी, बस स्टैण्ड सहित अधिकांश चौक चौराहों में खाद्य सामग्री खुले में बिक रहे हैं। चौक-चौराहे पर खुले में कटे फल बिक रहे हैं। चावल, से लेकर बिरयानी और समोसा, भजिया पकौड़ी, पानी पूड़ी, चाट, खुले में रखकर बेचा जा रहा है। इनकी जानकारी खाद्य अधिकारियों को होने के बावजूद किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं किया गया है। किसी तरह की चेतावनी मिलने के कुछ दिनों तक तो खाद्य पदार्थ ढंककर बेचे जाते हैं लेकिन फिर पुराने ढर्रे पर व्यवस्था लौट जाती है। इतना ही नहीं नालियों के किनारे खुले में ही रखकर कई तरह के खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं। नालियों के किनारे लगाई गई दुकानों पर भिनभिनाती मक्खियों से बीमारी फैलने का खतरा रहता है।