छत्तीसगढ़

एनआईटी राउरकेला ने रक्तस्राव रोकथाम के लिए मिरेकल्स मेड सॉल्यूशंस के साथ समझौते पर किया हस्ताक्षर

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) राउरकेला के जैव प्रौद्योगिकी और चिकित्सा इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर देवेंद्र वर्मा और उनकी शोध टीम द्वारा विकसित दो अत्याधुनिक चिकित्सा समाधानों के लिए पेटेंट प्राप्त हुए हैं। ये नवाचार निम्नलिखित हैं:
1. तीव्र रक्तस्राव नियंत्रण के लिए नैनो-फाइब्रस पॉलीइलेक्ट्रोलाइट कॉम्प्लेक्स, पेटेंट नंबर: 547492
2. हेमोस्टेटिक एजेंट के रूप में स्व-संयोजित नैनो-फाइबर, पेटेंट नंबर: 376918

इन पेटेंट तकनीकों के व्यावसायीकरण के लिए एनआईटी राउरकेला ने 25 सितंबर 2024 को स्टार्टअप ‘मिराक्यूल्स मेडसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड’ के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए। ये पेटेंट चिकित्सा समाधान आपातकालीन रक्तस्राव नियंत्रण में क्रांति लाने का दावा करते हैं।

हस्ताक्षर समारोह एनआईटी राउरकेला के निदेशक प्रोफेसर के. उमामहेश्वर राव और मिराक्यूल्स मेडसॉल्यूशंस के सीईओ और सह-संस्थापक श्री सबीर हुसैन के बीच हुआ। मिराक्यूल्स का प्रमुख उत्पाद, ‘स्टॉपब्लीड’, मौजूदा समाधानों की तुलना में तेजी से रक्तस्राव को नियंत्रित करने में सक्षम है, जो आपातकालीन स्थिति में उपयोगी साबित हो सकता है।

यह समझौता एनआईटी राउरकेला के बौद्धिक संपदा नवाचार केंद्र (IPIC), जिसकी स्थापना 2022 में की गई थी, द्वारा शुरू किया गया पहला प्रौद्योगिकी हस्तांतरण है । पिछले दो वर्षों में लगभग 50 पेटेंट प्राप्त करने वाले IPIC ने नवाचार को बढ़ावा देने और संस्थान में बौद्धिक संपदा के निर्माण, संरक्षण और प्रबंधन के लिए व्यापक सहायता प्रदान की है। एनआईटी राउरकेला की ओर से इस समझौते पर प्रोफेसर सौरव चटर्जी (चेयरपर्सन, IPIC) और प्रोफेसर रोहन धीमन (रजिस्ट्रार) ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए। इस कार्यक्रम में एनआईटी राउरकेला के डीन और IPIC के सदस्य भी उपस्थित थे, जबकि मिराक्यूल्स टीम के सदस्य वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।

प्रोफेसर के. उमामहेश्वर राव ने दोनों पक्षों की सराहना की और इस स्टार्टअप-अकादमिक सहयोग के समाजिक लाभ पर जोर दिया। संस्थान के पूर्व छात्र रह चुके सबीर हुसैन ने 2018 में एनआईटी राउरकेला के जैव प्रौद्योगिकी और चिकित्सा इंजीनियरिंग विभाग से एम.टेक किया था। इस पहल का समर्थन करते हुए, एनआईटी राउरकेला के एलुमनी इंडस्ट्री और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के डीन, प्रोफेसर एच.बी. साहू ने स्टार्टअप के लिए जरूरती फंड मुहैया कराने हेतु एलुमनी नेटवर्क के इच्छुक निवेशकों से संपर्क करने का प्रस्ताव रखा।

समारोह के अंत में सबीर हुसैन ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा, “मैं इस समर्थन के लिए एनआईटी राउकेला का आभारी हूं। यह नवाचार सैन्य और नागरिक चिकित्सा आपातकालीन स्थितियों, विशेष रूप से सशस्त्र युद्ध या सड़क दुर्घटनाओं में अनगिनत लोगों की जान बचाने की क्षमता रखता है। एक ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद के रूप में, इसमें मजबूत निर्यात क्षमता भी है। हम पहले से ही भारतीय सेना और अन्य संगठनों के साथ इसके संभावित उपयोग पर चर्चा कर रहे हैं।”

मिराक्यूल्स को ISO 13485 प्रमाण प्राप्त है, जिसे चिकित्सा उपकरणों के लिए गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के रूप में भी जाना जाता है।
अधिक जानकारी के लिए, www.miraqules.com पर जाएँ।

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