छत्तीसगढ़

रायपुर में NIA का तीन दिवसीय प्रशिक्षण: UAPA मामलों की विवेचना के लिए साइबर तकनीक पर जोर

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कोरिया पुलिस ने वर्चुअल माध्यम से लिया NIA के साइबर प्रशिक्षण का लाभ

कोरिया पुलिस का सशक्तिकरण: NIA के कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम में वर्चुअली हुई सहभागिता

दिनांक 24 से 26 सितंबर 2024 के मध्य रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के कांफ्रेंस हॉल में विधि विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA) के अंतर्गत पंजीकृत अपराधों की विवेचना की गुणवत्ता सुधारने एवं न्यायालय में ट्रायल की प्रभावी निगरानी हेतु कैपेसिटी बिल्डिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा किया गया, जिसमें रायपुर और राजनांदगांव रेंज के नामांकित अधिकारियों ने भौतिक रूप से हिस्सा लिया। और अन्य रेंज से अधिकारी वर्चुअली जुड़े। इसके साइबर रिलेटेड क्षमता निर्माण और विवेचना बेहतर करने के सत्र में वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशानुसार कोरिया पुलिस के विवेचक भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अपराधों की विवेचना प्रक्रियाओं को और अधिक प्रभावी बनाना तथा न्यायालय में ट्रायल की सशक्त निगरानी को सुनिश्चित करना था।

कार्यक्रम के दौरान, विभिन्न सत्रों में UAPA के तहत विवेचना करने की प्रक्रियाओं पर चर्चा की गई और अपराधों की गहन जांच-पड़ताल हेतु अत्याधुनिक तकनीकों और विधियों का उपयोग करने पर बल दिया गया। NIA के विशेषज्ञों ने अधिकारियों को यह बताया कि किस प्रकार अपराधों की विवेचना की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है ताकि न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के पास ठोस और विश्वसनीय साक्ष्य उपलब्ध हो। इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले अधिकारियों को न केवल विवेचना के कानूनी पहलुओं पर जानकारी दी गई, बल्कि उन्हें साइबर अपराधों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की पहचान, संग्रहण एवं विश्लेषण पर भी प्रशिक्षित किया गया।

देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी NIA के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कोरिया जिले के उप पुलिस अधीक्षक अजाक नेलशन कुजूर, निरीक्षक शीतल सिदार और निरीक्षक हेमंत अग्रवाल ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से लाभान्वित हुए।

प्रशिक्षण के अंतिम दिन, एक महत्वपूर्ण सत्र का आयोजन किया गया जिसमें IPDR, CDR और OSINT (ओपन सोर्स इंटेलिजेंस) पर विस्तृत चर्चा की गई। इस सत्र के लिए सभी जिलों को विशेष निर्देश दिए गए थे कि वे अपनी साइबर टीमें और अन्य कुशल अधिकारियों को एक स्थान पर एकत्रित कर वर्चुअल माध्यम से इस सत्र में भाग लेने की व्यवस्था करें। इस सत्र का संचालन NIA के उत्कृष्ट निरीक्षक द्वारा किया गया, जिन्हें साइबर मामलों में श्रेष्ठ माना जाता है। इस निर्देश के प्राप्त होते ही पुलिस अधीक्षक कोरिया के मार्गदर्शन में रक्षित केंद्र के कॉन्फ्रेंस हॉल में समस्त थाना प्रभारियों, प्रत्येक थाना से दो-दो विवेचकों और साइबर सेल की टीम ने वर्चुअल माध्यम से इस सत्र में भाग लिया और इससे महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। और अब वे यह जानकारी अपने थाना के अन्य विवेचकों से भी शेयर करेंगे।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम, न केवल विवेचना की प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य यह था कि अपराधों की विवेचना के दौरान साइबर तकनीक और ओपन सोर्स इंटेलिजेंस का प्रभावी उपयोग कैसे किया जा सकता है, इसके बारे में अधिकारियों को जागरूक किया जाए। साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे और तकनीकी साक्ष्यों की महत्ता को देखते हुए, यह सत्र अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ। प्रशिक्षकों ने अधिकारियों को यह भी बताया कि किस प्रकार से IPDR और CDR का विश्लेषण करके अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सकती है और विवेचना में इनका सही उपयोग करके ना केवल अपराधियों को पकड़ा जा सकता है बल्कि सजा भी दिलाई जा सकती है ।

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