मुख्यमंत्री पंचायत सशक्तिकरण योजना के कर्मचारियों में वेतन कटौती से आक्रोश, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

27% वेतन वृद्धि के बजाय हुई कटौती, पांच माह से नहीं मिला वेतन, EPF भी नहीं जमा
MMPSY कर्मचारियों ने आर्थिक संकट और अनदेखी को लेकर जताया रोष
रायगढ़/रायपुर।
छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री पंचायत सशक्तिकरण योजना (MMPSY) के तहत कार्यरत कर्मचारियों में इस वर्ष वेतन में की गई 27% कटौती को लेकर गहरा आक्रोश फैल गया है। इस मुद्दे को लेकर कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है और स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया है।

400 से अधिक कर्मचारी प्रभावित
प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत संकाय सदस्य, लेखपाल, कंप्यूटर ऑपरेटर और भृत्य जैसे पदों पर करीब 400 से अधिक संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने सभी विभागों के कर्मचारियों को 27% वेतनवृद्धि प्रदान की थी, लेकिन पंचायत विभाग अंतर्गत MMPSY कर्मचारियों को यह लाभ नहीं दिया गया था। पंचायत मंत्री विजय शर्मा के हस्तक्षेप के बाद ही उन्हें यह वृद्धि मिली थी।
अब फिर वेतन में कटौती, कर्मचारियों में रोष
अब एक साल बाद, 2025-26 में इन कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की बजाय 27% घटा दिया गया है, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। बढ़ती महंगाई और वित्तीय संकट के दौर में यह निर्णय कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है।
5 महीने से नहीं मिला वेतन
स्थिति और भी गंभीर तब हो जाती है जब इन कर्मचारियों को पिछले 4 से 5 महीनों से वेतन नहीं मिला है। वे आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और रोजमर्रा की ज़रूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो गया है। मार्च 2025 की समाप्ति के बाद से ही वेतन नियमित रूप से अटकता जा रहा है।
EPF की भी नहीं हो रही कटौती
कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि उनके EPF की कटौती भी महीनों से नहीं की जा रही है, जिससे उन्हें लंबे समय में आर्थिक नुकसान हो रहा है और उनके भविष्य की सुरक्षा भी खतरे में है।
शासन से आबंटन राशि जारी करने की मांग
कर्मचारियों ने शासन से मांग की है कि वे वेतन भुगतान हेतु आबंटन राशि शीघ्र जारी करें ताकि उन्हें वित्तीय राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि जुलाई 2025 में वेतन वृद्धि अपेक्षित है, लेकिन पहले से ही की गई कटौती ने उनके विश्वास को हिला दिया है।
कर्मचारियों की मांग:
- 27% वेतन कटौती को तत्काल वापस लिया जाए
- लंबित वेतन का शीघ्र भुगतान हो
- EPF कटौती नियमपूर्वक शुरू की जाए
- पंचायत संचालनालय और वित्त विभाग में कर्मचारियों के हित में तालमेल हो





