सोन नदी के उद्गम स्थल मानस तीर्थ सोनमुड़ा में हुआ सोनेश्वर महादेव का पंचद्रव्य से अभिषेक

सिद्धाश्रम कारी आम में भी आयोजित हुआ भोलेनाथ का अभिषेक कार्यक्रम
पूज्य संत शिवानंद महाराज ने संपन्न कराया रुद्राभिषेक कार्यक्रम
गौरेला पेंड्रा मरवाही श्रावण मास की अंतिम सोमवार के पवन शुभ अवसर पर भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक किया गया । पूज्य श्री श्री 108 श्री स्वामी शिवानंद महाराज जी के पावन सानिध्य में भगवान भोलेनाथ जी का रुद्राभिषेक कार्यक्रम संपन्न किया गया।पूज्य स्वामी जी की सानिध्य में सभी आश्रमों में रुद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में गणेशपुरी करीआम आश्रम और मानस तीर्थ सोनकुंड में रुद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
पूज्य स्वामी शिवानंद महाराज का आगमन प्रातः 9.00 बजे गणेशपुरी कारीआम आश्रम में हुआ। तत्पश्चात पूज्य स्वामी जी के द्वारा भगवान शिव जी की विधिवत शिवपूजन एवं पार्थिव शिवलिंग की पूजा कर विसर्जन किया गया । इस कार्यक्रम में आस पास के ग्रामीण अंचल से श्रद्धालुगण उपस्थित होकर भगवान भोलेनाथ जी से अपनी अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की आशीर्वाद मांगी। करीआम का नाम माँ काली के नाम से जाना जाता है यहाँ की माँ भगवती माता काली जी की महिमा समुचा भारत में प्रसिद्ध है।यहाँ भगवान गणेश जी स्वयंभु के रूप में विराजमान है,
गणेश जी इस क्षेत्र के विघ्नहर्ता के रूप में जाने जाते है, इसीलिए यह श्रद्धालु भक्तों का आस्था का केन्द्र बना हुआ है यहाँ लोगो का आना जाना लगा रहता है। यहाँ पूजा पाठ करने के बाद पूज्य स्वामी जी मानस तीर्थ सोनकुंड के लिए प्रस्थान किये। सोनकुंड में पूज्य स्वामी जी भगवान सोनेश्वर महादेव जी का पंचद्रव्य से अभिषेक किए,और हर हर महादेव शंभू गान कर संकीर्तन करते हुये, सभी श्रद्धालु भक्तगण मस्ती मे झूमते हुये,पार्थिव शिवलिंग को विसर्जन किए।
सोनकुंड आश्रम बड़े बड़े संतो की तपोभूमि रही है, उन्ही की कृपा और आशीर्वाद से यह मानस तीर्थ के नाम से पहचाना जाता है । पूजा संपन्न होने के पश्चात भंडारे का आयोजन किया गया जिनमे सभी भक्तजन प्रसाद ग्रहण किए। मानस तीर्थ सोनकुंड में संध्या वंदन पश्चात संगीत का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम मे बहुत ही दूर दूर से श्रद्धालुगण भगवान भोलेनाथ जी की अभिषेक में सम्मिलित रहे, जिनमे लोरमी,मुंगेली गौरेला, पेंड्रा,कुरुवार,बरपाली,कोंचरा, केंदा,सोनसाय नवागाँव आदि अंचल से श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे।




