छत्तीसगढ़

स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कोरिया पुलिस अधीक्षक ने दिए सख्त निर्देश

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मेडिकल संस्थानों की सुरक्षा के लिए कोरिया पुलिस ने कसी कमर, पेट्रोलिंग और सीसीटीवी निगरानी पर जोर

कोरिया में स्वास्थ्य संस्थानों की सुरक्षा को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने ली  महत्वपूर्ण बैठक

आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ घटित घटना के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका (अपराधिक) क्रमांक 02/2024 में दिनांक 20.08.2020 एवं 22.08.2024 को पारित आदेश में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा बढ़ाने और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने हेतु वरिष्ठ कार्यालयों से निर्देश प्राप्त हुए हैं।

इन निर्देशों के परिपालन में, जिलों में संचालित अस्पतालों, जिला चिकित्सालयों, मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेजों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ तथा अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक कदम उठाने हेतु वरिष्ठ कार्यालय द्वारा निर्देशित किया गया है। इस संबंध में, पुलिस अधीक्षक कोरिया श्री सूरज सिंह परिहार के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोनिका ठाकुर द्वारा दिनांक 28 अगस्त 2024 को रक्षित केंद्र बैकुंठपुर के कॉन्फ्रेंस हॉल में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन बैकुंठपुर की उपस्थिति में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में एएसपी मोनिका ठाकुर ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, श्रीमती मोनिका ठाकुर ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिले के सभी थाना क्षेत्रों में नियमित पुलिस पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाए, विशेषकर मेडिकल संस्थानों के आसपास। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, जिला अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रात के समय गश्त करने वाले पुलिस अधिकारी नियमित रूप से पेट्रोलिंग करें और उपस्थित स्टाफ से खैरियत रिपोर्ट लें।

श्रीमती ठाकुर ने निर्देश दिए कि आपात स्थिति में पुलिस कण्ट्रोल रूम कोरिया 9479193799 का उपयोग किया जाए, और संबंधित पुलिस थाना, थाना प्रभारी, एसडीओपी/सीएसपी और वरिष्ठ अधिकारियों के मोबाइल नंबर प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किए जाएं ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि सभी ठेका कर्मचारियों, विशेषकर प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों, पार्किंग ठेकेदारों और निजी सुरक्षा गार्डों का शत-प्रतिशत पुलिस चरित्र सत्यापन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुरक्षाकर्मी का अपराधिक चरित्र नहीं होना चाहिए और केवल मान्यता प्राप्त सुरक्षा एजेंसी के गार्ड ही तैनात किए जाएं।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने संस्थानों के मुख्य प्रवेश द्वार, निकास द्वार, और छात्रावास जाने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की कार्यशीलता की जांच करने के निर्देश भी दिए, और कहा कि अगर कैमरे कार्यशील नहीं हैं तो प्रबंधन से मिलकर उन्हें शीघ्र ठीक किया जाए। सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गार्ड की व्यवस्था न होने की स्थिति में, उन्होंने जीवनदीप समिति या जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर अन्य मद से निजी सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी आदेश दिए। उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा गार्डों का मुख्य कार्य केवल सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना है और उन्हें अन्य कार्यों में नहीं उलझाया जाना चाहिए। इस संबंध में संबंधित संस्था प्रमुख की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए गए।

इसके अतिरिक्त, श्रीमती ठाकुर ने संस्थानों के आसपास कार्यरत सभी वेंडरों का शत-प्रतिशत चरित्र सत्यापन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल मे सुरक्षा के ऑडिट हेतु एक कमेटी का भी गठन किया जावे। मेडिकल संस्थानों के आस-पास एवं परिसर में नए आपराधिक क़ानून BNS एवं BNSS के तहत पोस्टर या जानकारियों को जगह-जगह चस्पा किया जाए जिससे लोगो को यह जानकारी हो कि स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा करने पर क्या सजा हो सकती है। मेडिकल संस्थानों में असामाजिक तत्वों द्वारा नशा का सेवन कर प्रवेश करने की स्थिति में, उन्होंने संबंधित पुलिस थाने को तुरंत सूचित करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिया कि सभी चिकित्सा संस्थानों के आसपास पान/चाय ठेला आदि के कारण असामाजिक तत्वों के जमावड़े और यातायात बाधित होने की स्थिति में, नगर निगम या नगर पालिका के माध्यम से उन्हें वैधानिक रूप से हटाने की कार्यवाही की जाए। अंत में, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि स्वास्थ्य संबंधी कार्यों को छोड़कर अन्य कार्यों के लिए आने-जाने वाले व्यक्तियों का रिकॉर्ड संबंधित संस्थान प्रमुख द्वारा रखा जाए।

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