छत्तीसगढ़

22 दिसंबर को होगा बड़ा आंदोलन, कोल ब्लॉक के खिलाफ ग्रामीणों का हल्ला बोल

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धरमजयगढ़ अब केवल एक वन क्षेत्र नहीं, बल्कि जंगली हाथियों का प्रमुख गढ़ बन चुका है। लगभग 1,71,341.9 हेक्टेयर वन भूमि में फैला यह क्षेत्र छह वन रेंजों में विभाजित है, जिनमें छाल और धरमजयगढ़ रेंज सबसे अधिक घने जंगलों वाले इलाके हैं। इन दोनों रेंजों में सालों भर जंगली हाथियों का विचरण देखने को मिलता है, बीते 21 दिसंबर 2001 से अब तक हाथियों के हमलों में 113 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, वहीं विभिन्न कारणों से 54 जंगली हाथियों की भी जान जा चुकी है।

इसके बावजूद इन्हीं संवेदनशील क्षेत्रों में 18 कोल ब्लॉक प्रस्तावित किए गए हैं, जिससे हाथियों के प्राकृतिक आवास और ग्रामीणों की सुरक्षा पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है, 18 कोल ब्लॉक, 52 ग्राम पंचायतें सीधे प्रभावित धरमजयगढ़ वन मंडल की छाल और धरमजयगढ़ रेंज में कोयला मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कुल 18 कोल ब्लॉक चिन्हांकित किए गए हैं।

इनसे 52 ग्राम पंचायतों के हजारों ग्रामीण सीधे तौर पर प्रभावित होंगे, प्रस्तावित कोल ब्लॉकों में प्रमुख रूप से बायसी, चैनपुर, छाल, दुर्गापुर-शाहपुर (SECL), फतेपुर, दुर्गापुर-2 (सरिया), दुर्गापुर-2 (तराईमार), फतेपुर इष्ट, नवागांव इष्ट, नवागांव बेस्ट, बोजिया, ओंगना-पोटिया, मेसर्स अंबुजा सीमेंट्स /अडानी पुरुंगा, रामनगर, शेरबन, तेंदुमुरी, बेस्ट ऑफ बायसी और कोईलार कोल ब्लॉक शामिल हैं।

पुरुंगा में हुआ निर्णायक बैठक, ‘जंगी रैली’ का फैसलाआज इस गंभीर मुद्दे को लेकर ग्राम पंचायत पुरुंगा के स्कूल परिसर में प्रभावित गांवों के सरपंचों के साथ सैकड़ों ग्रामीण महिला-पुरुषों की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 22 दिसंबर को धरमजयगढ़ में विशाल ‘जंगी रैली’ निकाली जाएगी, इस रैली में 118 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण शामिल होंगे, जो हाथियों की सुरक्षा और कोल ब्लॉक निरस्तीकरण की मांग को लेकर एकजुट प्रदर्शन करेंगे। SDM के माध्यम से सौंपा जाएगा ज्ञापनधरमजयगढ़ प्रभावित ग्रामीणों ने तय किया है कि 22 दिसंबर को SDM के माध्यम से केंद्र और राज्य के 7 प्रमुख विभागों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

ज्ञापन निम्न अधिकारियों को संबोधित होगा – राष्ट्रपति महोदया, भूपेंद्र यादव केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, जी. किशन रेड्डी केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री, राज्यपाल छत्तीसगढ़, अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (नई दिल्ली) अध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति आयोग, छत्तीसगढ़, वन एवं पर्यावरण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, से मुख्य मांगें, छाल और धरमजयगढ़ रेंज के कुल 36,041.711 हेक्टेयर क्षेत्र को हाथी रिज़र्व घोषित किया जाए,

प्रस्तावित 6 कोल ब्लॉकों को पूर्णतः निरस्त किया जाए, शेष 12 कोल ब्लॉकों की नीलामी पर तत्काल रोक लगाई जाए, ग्रामीणों का कहना है कि कोयला नहीं,जीवन और जंगल प्राथमिकता हैं। हाथियों और इंसानों के बीच बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए अब निर्णायक कदम जरूरी है, जंगी रैली की तैयारियां ज़ोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं।

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