विकलांग फुलमनी सुरीन विगत 15 सालों से सरकारी सुविधा से वंचित
राजगांगपुर : दुनिया के सारे दुःख विकलांग फुलमनी के पास, हाथ-पैर दोनों गतिहीन हैं, सीधे बैठने की ताकत तक नहीं, न तो बोल पा रही है और न ही ठीक से सुनाई दे रहा है। एक तरफ बीमारी तो दूसरी तरफ गरीबी है , खटिए पर फटे पुराने बिस्तर पर अपनी जिंदगी गुजार रही 15 वर्षीय नाबालिक लड़की फुलमनी सुरीन राजगांगपुर ब्लॉक केशरमाल पंचायत के थोपाबेरना गांव की तुर्रीटोली बस्ती में किशोर सुरीन (40) और मोनिका सुरीन (35) की बड़ी बेटी फुलमनी सुरीन (15) जन्म से ही पोलियो से आक्रांत है इलाज के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ हाथ और पैर की गतिहीनता के कारण जन्म से ही बिस्तर पर पड़ी हुई है
बड़े ही दुःख तकलीफ से जीवन कट रहा है आपको बता दे फुलमनी सुरीन के परिवार मे कुल 7 सदस्य है, लालन पालन का एकमात्र आजीविका का साधन है बांस की टोकरी बनाना, बांस की टोकरी बना कर बिक्री करने से जो रुपये मिलता है उससे घर परिवार चलता है सरकारी सुविधाओं के रूप में मुफ्त चावल के अलावा और कुछ नहीं मिलता है, रहने को अच्छा घर भी नहीं है, जन्म से ही पोलियो से पीड़ित है फुलमनी सुरीन, आर्थिक अवस्था ठीक न होने के कारण फुलमनी का इलाज भी नहीं हो पा रहा है
और वह 15 साल से बिस्तर पर पड़ी जिंदगी और मौत से लड़ रही हैं सबसे बड़ी विडंबना यह है कि फुलमनी के पास अब भी आधार या विकलांग भत्ता कार्ड नहीं है स्थानीय आंगनवाड़ी दीदी ने आधार कार्ड बनवाने की कोशिश की, लेकिन फुलमनी की टेढ़ी उंगलियों के कारण फिंगरप्रिंट की समस्या से आधार कार्ड नहीं बना, जिसके कारण फुलमनी आज तक विकलांग भत्ता से वंचित है
इस संबंध में स्थानीय सरपंच व अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बाद भी फुलमनी का आधार कार्ड या दिव्यांग भत्ता कार्ड नहीं बन सका वही फुलमनी के पिता किशोर व माँ ने सरकार से अनुरोध किया है कि घर की आर्थिक स्थिति तो ठीक नहीं है यदि विकलांग भत्ता कार्ड मिल जाता तो हमे कुछ सरकारी लाभ मिल जाता तो जिंदगी गुजर बसर करने मे कुछ मदद हो जाती, मगर आज तक कोई सरकारी अधिकारी हमारी सुध लेने आए आजादी के अमृत 75 वर्ष के बीत जाने के बाबजुद भी हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं ।
फुलमनी सुरीन के विकलांग समस्या को लेकर मीडिया कर्मी द्वारा राजगांगपुर प्रखण्ड अधिकारी अक्षय कुमार बाग से मुलाकात कर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मै विकलांग फुलमनी सुरीन के बारे मे पहले जांच पड़ताल करूंगा उसके बाद आंगनवाड़ी दीदी को भेज कर आधार कार्ड और विकलांग भत्ता जितनी जल्दी हो सके बनवा कर देने का आश्वाशन दिया ।