छत्तीसगढ़

बाल विवाह रोकने पोर्टरखोली काली मंदिर, शिव मंदिर गुरुद्वारा और जीईएल चर्च में चलाया गया जागरुकता अभियान

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कर्रा सोसायटी फॉर रुरल एक्शन पश्चिमी सिंहभूम के तात्वाधान धर्मगुरुओं के माध्यम से किया गया लोगों को जागरुक, 

बाल विवाह निषेध कानून का कड़ाई से पालन करने किया आह्वान
चक्रधरपुर संवाददाता ।

देश से बाल विवाह के खात्मे के लिए पूरे देश भर में चल रहे वैश्विक अंतरधार्मिक सप्ताहांत अभियान के क्रम में मंगलवार को चक्रधरपुर रेलवे पोर्टर खोली काली मंदिर, शिव मंदिर ,चक्रधरपुर गुरुद्वारा एवं एनएच-75 बस स्टैंड के समीप स्थित जीईएल चर्च में जागरुरता अभियान चलाया गया। पोर्टरखोली कालीमंदिर में पूजारी राजू मिश्रा (राजू पंडित) के द्वारा मंदिर में पधारे श्रद्धालुओं को बाल विवाह किसी भी स्थिति में न करने की सलाह दी।

कर्रा सोसायटी फॉर रुरल एक्शन के जिला संयोजिका चांदमुनी कालुंडिया, सामुदायिक समाजिक कार्यकर्ता पिंकी बोदरा सहित अन्य सदस्यों ने मंदिर के पुजारी राजू मिश्रा के माध्यम से मंदिर से उपस्थित श्रद्धालुओं एवं लोगों को बाल विवाह रोकने और इसे जड़ से समाप्त करने की सपथ दिलाई। पुजारी मिश्रा ने कहा कि सरकार के द्वारा बाल विवाह प्रतिबंधित कानून का कड़ाई के पालन करें और अपने आसपास, गांव एवं समाज के लोगों को भी इसके प्रति जागरुक कराएं।

उसी प्रकार शिव मंदिर में सोसायटी के सदस्यों ने लोगों को जागरुक किया वहीं गुरुद्धारा में धर्मगुरु सरबजीत सिंह, जीईएल चर्च के फादर जीवन टोप्पो ने चर्च के लोगों को बाल विवाह रोकने के लिए सभी को आने आने का आह्वान किया। धर्मगुरुओं ने कहा कि बाल विवाह लड़कों के लिए हानिकारक है ही लेकिन इसका सबसे गहरा असर लड़कियों पर पड़ता है।

इसके उसकी पढ़ाई रुक जाता है और साक्षरता कौशल तथा अधिकारों की समझ सीमित रह जाता है। विवाह के बाद अक्सर लड़कियां बाल मजदूरी में धकेल दी जाती है और उसे पति के परिवार के लिए लंबे समय तक घरेलु कामकाज करना पड़ता है।  बाल विवाह से घरेलु हिंसा बढ़ता है। कम उम्र की लड़कियां शारीरिक रुप से मां बनने को तैयार नहीं होती, जिससे मां और शिशु दोनों की जान पर संकट आ सकता है।

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