
धर्मजयगढ़। रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ क्षेत्र में दुर्गापुर द्वितीय कोल माइंस को शुरू करने की प्रक्रिया पिछले दस वर्षों से रुकी हुई है। यह खदान दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) को दी गई है। कंपनी को कुल 4414 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है।
किसानों का कहना है कि मुआवजा और पुनर्वास की शर्तें स्पष्ट नहीं हैं, इसलिए वे अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं। इसी विरोध के चलते कंपनी के कर्मचारियों का काम कई बार रुक चुका है।
सरकार ने 2014 से 2016 के बीच कानूनी अधिसूचनाओं के तहत यह भूमि SECL को दे दी थी। अब जमीन पर कानूनी अधिकार कंपनी के पास है।
कंपनी का कहना है कि वह नियमों के अनुसार मुआवजा देने, रोजगार उपलब्ध कराने और क्षेत्र में विकास कार्य शुरू करने को तैयार है।
अगर खदान शुरू होती है, तो सरकार को कोयले की आपूर्ति का लाभ मिलेगा, कंपनी का उत्पादन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार तथा विकास सुविधाएं मिल सकती हैं। प्रशासन किसानों और कंपनी के बीच समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है। सहमति बनने पर खदान का काम शुरू किया जा सकता है।





