छत्तीसगढ़

“सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन — शिक्षक पर हो सकती कड़ी कार्रवाई..”

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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले में कुछ शिक्षकों द्वारा मंत्री या जनप्रतिनिधियों के साथ अपनी तस्वीरें सार्वजनिक विज्ञापनों में प्रकाशित कराने का मामला सामने आया है। यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के साथ-साथ शिक्षक संवर्ग सेवा नियमों का सीधा उल्लंघन माना जा रहा है। नियमों के अनुसार, किसी भी सरकारी कर्मचारी को राजनीति से दूरी बनाए रखनी होती है और उसकी कार्यशैली पूरी तरह निष्पक्ष होनी चाहिए।

क्या कहता है नियम..?

छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 5 (राजनीतिक गतिविधियों में भागीदारी) में स्पष्ट उल्लेख है—

> “कोई भी सरकारी सेवक किसी भी राजनीतिक दल या संगठन का सदस्य नहीं होगा, न ही किसी राजनीतिक गतिविधि में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेगा, और न ही किसी प्रकार के चुनावी प्रचार में हिस्सा लेगा।”

नियम में यह भी जोड़ा गया है कि सरकारी सेवक अपने पद, अधिकार, या प्रभाव का उपयोग किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति के प्रचार-प्रसार के लिए नहीं करेगा।

फोटो विज्ञापन में लगाना क्यों है गलत?
मंत्री या जनप्रतिनिधि के साथ तस्वीर को सार्वजनिक विज्ञापन में लगाना, अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक प्रचार की श्रेणी में आता है।

इससे यह संदेश जाता है कि संबंधित शिक्षक/कर्मचारी किसी विशेष राजनीतिक व्यक्ति या दल का समर्थन कर रहा है।

यह निष्पक्षता के सिद्धांत और राजनीतिक तटस्थता के नियमों के विपरीत है।

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