पुरानी पैंशन के लिए मोहताज बीएसएफ बांकुरे जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन के 118 बंकर्स किए तबाह

ये कैसा सौतेला व्यवहार भारत की पहली रक्षा पंक्ति बॉर्डर गार्डिंग फोर्स बीएसएफ जवानों के साथ जिनकी टोटल नफरी 2 लाख 70 हजार पार।
अलाइंस आफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव रणबीर सिंह द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा कि बीएसएफ जिसके पास धुआं उड़ाता अपना तोपखाना, मेरीन विंग यहां तक कि एयर विंग जो कि अकेले 6386 किलोमीटर लम्बी अंतरराष्ट्रीय सरहदों की सजग सुरक्षा करती है।
जवानों का परमानेंट आशियाना सरहद पर और आदर्श वाक्य जीवन पर्यन्त कर्तव्य है। जवान अपने घर परिवारों से सैंकड़ों हजारों किलोमीटर दूर मां भारती की चाक चौबंद चौकीदारी कर रहे हों ऐसे ताउम्र तिरंगे की रक्षा करने वाले जांबाजों की पैंशन बहाली के विरोध में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। ज्ञातव्य रहे कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सुनाए गए ऐतिहासिक फैसले में सीएपीएफ को भारत संघ के सशस्त्र बल मानते हुए इन बलों पर लागू एनपीएस को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही गई थी।
महासचिव रणबीर सिंह ने माननीय प्रधानमंत्री जी, माननीय गृह मंत्री जी के द्वारा उस बयान का जिक्र किया जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ जवानों के शौर्य की भूरी भूरी प्रशंसा की गई। माननीय गृह जी ने अपने संदेश में कहा था कि बीएसएफ जवानों द्वारा पाकिस्तान के 118 बंकर नेस्तनाबूद कर दिए गए। माननीय गृह मंत्री जी के द्वारा दिए गए उस बयान का जिक्र किया जब उन्होंने सीआरपीएफ व अन्य सुरक्षा बलों के बलबूते पर मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की बात कही।
आज़ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान देश के अलग अलग राज्यों में आए बाढ़ भूकंप से आम जान माल की सुरक्षा में तैनात हैं साथ ही 42000 जवान होने वाली अमरनाथ यात्रा के दौरान चाक चौबंद तैनात हैं और उपर से बेमौसमी चुनावों के चलते स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव करने के लिए बोरी बिस्तरा बांधे अपने सर्वोच्च कर्तव्यों के निर्वहन के लिए कटिबद्ध हैं। हम उन हिमवीरों, सशस्त्र सीमा बल व सीआईएसएफ जवानों के जायज़ मसलों की बात कर रहे हैं।
अलॉइंस अध्यक्ष पूर्व एडीजी सीआरपीएफ श्री एचआर सिंह द्वारा चिंता जताते हुए कहा कि माननीय गृह मंत्री जी से पिछले 6 सालों से गुहार लगा रहे हैं कि आखिर पूर्व अर्धसैनिकों के प्रतिनिधि मंडल से मिल ही तो लें ताकि भलाई संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर समाधान हो सके, लेकिन लगता है कि माननीय अमित शाह के पास 20 लाख पैरामिलिट्री जवानों व उनके परिवारों लिए समय ही नहीं है।
रणबीर सिंह
महासचिव





