छत्तीसगढ़

धरती आबा अभियान से वंचित एवं पात्र आदिवासी परिवारों तक पहुँचेगा योजनाओं का लाभ

आदिवासी बहुल ग्रामों में योजनाओं की संतृप्ति के लिए 30 जून तक लगेंगे शिविर

जनजातीय विकास के लिए जरूरी है जागरूकता और सहभागिता:- सांसद श्री चिंतामणि महाराज

बलरामपुर । धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत राष्ट्रव्यापी जागरूकता सह लाभ संतृप्ति शिविरों की शुरुआत हो गई है। आदिवासी बहुल ग्रामों में शासन की योजनाओं की लाभ संतृप्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 30 जून तक जिले के सभी विकासखंडों में कुल 57 शिविर आयोजित किए जाएंगे। अभियान का शुभारंभ लाइवलीहुड कॉलेज परिसर में सरगुजा लोकसभा सांसद श्री चिंतामणि महाराज ने किया।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती हीरामुनी निकुंज, उपाध्यक्ष श्री धीरज सिंह देव, कलेक्टर श्री राजेंद्र कटारा, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नगरपालिका उपाध्यक्ष, ग्राम पंचायत भेलवाडीह के सरपंच, सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण और बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।

मुख्य अतिथि सरगुजा सांसद श्री चिंतामणि महाराज ने कार्यक्रम को स्थानीय बोली में संबोधित करते हुए धरती आबा अभियान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ की भावना के अनुरूप देश के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। सांसद श्री महाराज ने कहा कि पहले चरण में सड़क, आवास, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया गया।

अब दूसरे चरण में ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत उन गांवों को चिन्हित किया गया है जिनकी जनसंख्या 500 से अधिक है। वहां रहने वाले आदिवासी परिवारों को योजनाओं से जोड़ने हेतु जागरूकता एवं लाभ प्रदाय के लिए जनभागीदारी अभियान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से पहाड़ी कोरवा सहित अन्य आदिवासी जनजातियों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब तक जनजातीय समुदाय को योजना की जानकारी नहीं होगी, तब तक वे उसका लाभ नहीं ले पाएंगे।

इसलिए सभी नागरिकों को इन शिविरों में पहुंचकर योजनाओं की जानकारी लेनी चाहिए और अपने विकास की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। श्री महाराज ने कहा कि ये शिविर केवल लाभ वितरण का माध्यम नहीं, बल्कि जनजातीय समुदाय को देश की प्रगति की मुख्यधारा में सम्मिलित करने का एक प्रभावी प्रयास हैं।

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती हीरामुनी निकुंज ने कहा कि यह अभियान केंद्र सरकार की एक दूरगामी सोच का परिणाम है, जो अंतिम छोर पर बसे पात्र हितग्राहियों तक पहुंचने का माध्यम बन रहा है। उन्होंने बताया कि शिविरों में किसान क्रेडिट कार्ड, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान कार्ड, जनधन खाता, राशन कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी 17 सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।

इस अवसर पर कलेक्टर श्री राजेंद्र कटारा ने बताया कि धरती आबा अभियान का उद्देश्य आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि ‘पीएम जनमन’ योजना के प्रथम चरण में विशेष पिछड़ी जनजातियों को आधारभूत सुविधाओं से जोड़ने का कार्य हुआ।

अब दूसरे चरण में मॉडल ग्राम की संकल्पना के तहत आदिवासी गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, कौशल विकास और रोजगार जैसी सेवाओं का विस्तार किया जाएगा।उन्होंने बताया कि पहले चरण में लाभ से वंचित परिवारों की पहचान की गई थी और अब उन्हें प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। श्री कटारा ने युवाओं को कौशल विकास से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी प्रयास किए जाने की बात कही।

शिविर के दौरान पात्र हितग्राहियों को मौके पर ही योजनाओं से जोड़ते हुए आवश्यक दस्तावेज और सामग्रियों का वितरण किया गया। इनमें राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, किसान बीज, स्वेच्छानुदान राशि के चेक जैसे लाभ शामिल थे।

कार्यक्रम के पश्चात सांसद श्री चिंतामणि महाराज, कलेक्टर श्री राजेंद्र कटारा एवं जनप्रतिनिधियों ने शिविर स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने मौके पर मौजूद हितग्राहियों से संवाद कर उनकी समस्याओं की जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल पर श्री महाराज ने स्वयं ब्लड शुगर की जांच कर अभियान में सहभागिता का संदेश दिया।

जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की कि वे 30 जून तक चलने वाले इन जनभागीदारी अभियान शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर योजनाओं की जानकारी लें और उनका लाभ प्राप्त करें।

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