एमएमयू में जांच मशीन, जीपीएस सहित व्यवस्थाएं मिली खराब, पेमेंट रोकने व पेनाल्टी लगाने की चेतावनी

कमिश्नर श्री क्षत्रिय एवं सिविल सर्जन श्री पटेल ने किया औचक निरीक्षण
सात दिवस में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का अंतिम अल्टीमेटम
रायगढ़। कलेक्टर एवं अध्यक्ष रायगढ़ जिला अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देशानुसार नगर निगम कमिश्नर श्री बृजेश सिंह क्षत्रिय एवं सिविल सर्जन डॉ. दिनेश पटेल ने गुरुवार की सुबह पंजरीप्लांट ऑडिटोरियम में खड़ी मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान पूर्व में पाई गई कमियों की समीक्षा की गई। कुछ सुधार तो देखने मिले, लेकिन कई महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं अब भी दुरुस्त नहीं हुई थीं। इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कमिश्नर श्री क्षत्रिय ने तत्काल सभी एमएमयू में जांच मशीनों एवं जीपीएस सहित तमाम सुविधाओं को ठीक करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कंपनी का भुगतान रोकने और पेनाल्टी लगाने की चेतावनी भी दी।
गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को लाभ हेतु शुरू हुई योजना
गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को उनके घरों के पास ही मुफ्त इलाज, बेहतर जांच एवं निशुल्क ब्रांडेड दवाइयों का लाभ दिलाने के उद्देश्य से मोबाइल मेडिकल यूनिट योजना शुरू की गई थी। कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देशानुसार लगातार इस योजना की समीक्षा की जा रही है।

पूर्व निरीक्षणों में एमएमयू की जांच मशीनें, जीपीएस, रिपोर्ट में देरी जैसी गंभीर कमियां सामने आई थीं। इसके अलावा जटिल जांचों को बाहर भेजे जाने पर रिपोर्टिंग और फॉलोअप में भी लापरवाही पाई गई थी।
फिर मिली लापरवाही
आज हुए औचक निरीक्षण में लगभग सभी एमएमयू की जीपीएस प्रणाली, ईसीजी एवं ब्लड जांच मशीनें खराब मिलीं। वहीं आउटसोर्स जांचों की रिपोर्ट समय पर उपलब्ध नहीं होने की समस्या भी जस की तस रही। इस पर कमिश्नर श्री क्षत्रिय ने एमएमयू संचालित करने वाली भव्या हेल्थ सर्विसेज के अधिकारियों पर नाराजगी जताई और उन्हें सात दिनों के भीतर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अंतिम अल्टीमेटम दिया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो कंपनी का समस्त भुगतान रोकने और बड़ी पेनाल्टी लगाने के साथ शासन से कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिकारी
निरीक्षण के दौरान योजना के सहायक नोडल सब-इंजीनियर श्री ऋषि राठौर, एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर श्री शुभम मिश्रा एवं श्री कुमार सिंह सारथी उपस्थित रहे।

लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी
कमिश्नर श्री बृजेश सिंह क्षत्रिय ने कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट योजना गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को उनके घरों के पास ही बेहतर इलाज, जांच और ब्रांडेड दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। शासन की इस महत्वपूर्ण योजना से न सिर्फ लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिलती है, बल्कि उनके ऊपर पड़ने वाला दवाइयों, जांच और डॉक्टरों की फीस का आर्थिक बोझ भी कम होता है।
उन्होंने कहा कि लोगों के इलाज की सुविधा में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जल्दी सुधार नहीं होने पर भव्या हेल्थ सर्विसेज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अनिवार्य होगी।





