नगर पंचायत का स्थानीय लोगों के प्रति दोहरा चेहरा उजागर

सुर्खियां बटोरने और चर्चा में बना रहने वाला नगरपंचायत मरवाही के सीएमओ की मनमानी तो जगजाहिर है फिर भी उच्च अधिकारी संज्ञान लेने में असक्षम हो गए। अब आम लोगों के प्रति हो रहे छल को लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।

चुनाव के दरमियान तो जनता यही प्रति अटूट खोखले भरोसा और बड़े बड़े वादों से नहीं चूकते जबकि चुनाव के बाद फायदा खते हुए बाहरी लोगों कार्य या ठेका देने के साथ साथ पूर्ण संरक्षण भी देते हैं। फलस्वरूप यही बाहरी लोग घटिया कार्य करा कर मोटी रकम दबा लेते हैं। जिसका परिणाम आम जनता को भुगतना पड़ता है।

रसूखदारों और पहुंच वालो के सामने आम जनता सिर्फ मूकदर्शक बनकर रह जाती है
आम जनता की सुनता ही कौन है न तो उनके पास पहुंच होती न कोई पहचान

अगर कोई आवाज उठता भी है तो आम जनता का नेतृत्व करने वाले की आवाज को किसी भी तरह से दबा दिया जाता है
बाहरी लोगों को मिल रहे कार्य जबकि स्थानीय लोग बेरोजगार
इस संबंध मे लोगों ने सुशासन त्यौहार में कलेक्टर को आवेदन दिया है
देखने वाली बात होगी सुशासन में लोगों को न्याय मिलेगा या महज नाम मात्र का सुशासन कहलाएगा





