
राउरकेला, 5 मार्च 2025: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) ने प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। बोर्ड ने 78 उद्योगों और संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जबकि 11 इकाइयों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
इन उद्योगों पर लगा प्रतिबंध
राउरकेला क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा जारी आदेश के तहत कलुंगा, कुमारमुंडा और अन्य क्षेत्रों के कई उद्योगों को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। जिन 11 उद्योगों को बंद करने का नोटिस दिया गया है, उनमें शामिल हैं:
- कलुंगा क्षेत्र: राजेश सहनी, दास इंटरप्राइजेज
- कुमारमुंडा क्षेत्र: पाल मेटल इंडस्ट्रीज, स्वास्तिक स्टील प्रा. लिमिटेड
- अन्य प्रभावित उद्योग: यूटा मेट्रिक्स प्राइवेट लिमिटेड, श्री जगन्नाथ ट्रेडर्स, स्कैन स्टील लिमिटेड, गंगपुर मिनरल्स, श्रीराम मिनरल्स, मां काली इंडस्ट्रीज
रात में उद्योगों पर छापेमारी, कई कारखानों को नोटिस
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने करावांगा, कुमारमुंडा और बन्नई के विभिन्न स्पंज कारखानों का रात में औचक निरीक्षण किया। कुछ इकाइयों को धुआं और प्रदूषक तत्व छोड़ने का दोषी पाया गया, जिसके चलते मेटा स्पंज, सीता स्पंज, महावीर फेरो और स्पंज एंटरप्राइजेज समेत अन्य उद्योगों को 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने पर इन उद्योगों को भी बंद करने की चेतावनी दी गई है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए कदम
- कामुंगा क्षेत्र की सड़कों पर भारी वाहनों के कारण उड़ने वाली धूल को कम करने के लिए दैनिक सिंचाई प्रणाली शुरू की गई है।
- सड़क सुधार और नई सड़कें बनाने की प्रक्रिया तेज की गई है।
22 कंपनियों पर जुर्माना, 13 को व्यक्तिगत सुनवाई का आदेश
प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने पर 22 कंपनियों पर आर्थिक दंड लगाया गया है। इनमें बंदावन फूड प्रोडक्ट्स, होटल राजस्थान, आर.के. एसोसिएट्स एंड होटलियर प्रा. लिमिटेड और कुमारमुंडा एल. के. क्योरबे एडिन कॉर्पोरेशन शामिल हैं।
इसके अलावा, 13 संगठनों को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत निगरानी
निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कई उद्योग घटिया कोयले का उपयोग कर रहे हैं, जिससे हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा बढ़ रही है। राउरकेला और आसपास के क्षेत्रों को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत निगरानी सूची में शामिल किया गया है।
(रिपोर्ट: डॉ. डी. अनूप कुमार मलिक, क्षेत्रीय अधिकारी एवं अतिरिक्त मुख्य पर्यावरण वैज्ञानिक, SPCB)