
आत्मसमर्पित माओवादी सड़क खुदाई, आईईडी प्लांटिंग और हत्याओं में थे शामिल
बीजापुर। जिले में नक्सल विरोधी अभियान को एक और सफलता मिली है। एओबी (आंध्र-ओडिशा बॉर्डर) एरिया के दो लाख रुपए के इनामी माओवादी समेत कुल 10 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें पीएलजीए बटालियन में सक्रिय रूप से काम करने वाले एक-एक लाख रुपए के इनामी चार नक्सली भी शामिल हैं। कुल मिलाकर 6 लाख के इनामी 5 माओवादियों समेत 10 नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
आत्मसमर्पित माओवादियों की पृष्ठभूमि
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली लंबे समय से संगठन में सक्रिय थे और कई हिंसक वारदातों में शामिल रहे। इनमें—
- AOB डिवीजन के पार्टी सदस्य, 2015 से सक्रिय
- सीएनएम अध्यक्ष, 2003 से सक्रिय
- डीएकेएमएस अध्यक्ष, 1997 से सक्रिय
- पीएलजीए सदस्य, 2003 से संगठन में
- जनताना सरकार सदस्य, 2009 से सक्रिय
- कुटीर शाखा सदस्य, 2010 से संगठन में
- कृषि शाखा अध्यक्ष/सदस्य, 2004 से सक्रिय
इन सभी नक्सलियों का संबंध सड़क खुदाई, आईईडी प्लांटिंग, स्पाइक होल लगाने और हत्याओं जैसी वारदातों से रहा है।
189 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, 503 गिरफ्तार
बीजापुर जिले में नक्सल विरोधी अभियानों के तहत 2024 में छोटे-बड़े कुल 189 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जबकि 58 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए और 503 की गिरफ्तारी हुई।
2025 की शुरुआत से अब तक 23 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 46 की गिरफ्तारी हुई है, और 17 नक्सली मुठभेड़ में ढेर किए गए हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को पुनर्वास योजना के तहत 25-25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। पुलिस प्रशासन ने समाज की मुख्यधारा में लौटे माओवादियों को सुरक्षित भविष्य का आश्वासन दिया है।