रायगढ़- नगरीय निकाय चुनाव जैसे – जैसे पास आते जा रहा है वैसे ही महापौर टिकट के दावेदार अपनी अपनी पार्टी से टिकट मांग रहे हैं। रायगढ़ मेयर के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद छत्तीसगढ़ के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस में महापौर उम्मीदवार को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। आरक्षण के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने अपने दावेदारों की जीत के दावे कर रहे हैं।
यह अलग बात है कि अब तक दोनों ही पार्टी में दावेदारी का ही दौर चल रहा है। हालांकि अभी किसको प्रत्याशी बनाया जाएगा यह स्पष्ट नहीं है। इसके बावजूद ऐसे कई नाम है जो कांग्रेस और बीजेपी के भीतर खाने में चर्चा का विषय बने हुए हैं। उसी में से एक नाम हीरानगर मिट्ठू मुड़ा, वार्ड क्रमांक 36 के निवासी और कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य अज्ञात खुशीराम मल्होत्रा है।
उन्होंने महापौर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उन्हें महापौर पद का प्रत्याशी बनाती है, तो वह शहर में कांग्रेस का प्रचंड ध्वज लहराने में सफल होंगे। अज्ञात खुशीराम मल्होत्रा जो 20 वर्षों से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं वर्तमान में अनुसूचित जाति विभाग ग्रामीण उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं।
इसके अलावा, वह पूर्व में राजीव युवा मितान अध्यक्ष, वार्ड 36 के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अज्ञात मल्होत्रा के पिता, स्व. खुशीराम मल्होत्रा, पूर्व में रायगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। जो छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत के करीबी सहयोगी माने जाते थे। इस दृष्टि से अज्ञात मल्होत्रा की राजनीतिक पृष्ठभूमि के साथ अज्ञात खुशीराम मल्होत्रा का नाम महापौर टिकट को लेकर सबसे आगे है।
उन्होंने कहा उनके पिता खुशीराम मल्होत्रा जी के साथ बचपन से ही राजनीति को बहुत करीब से देखा और समझा है उनके पिता के साथ हर राजनीतिक अवसर पर अज्ञात मल्होत्रा जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मुझे महापौर पद का प्रत्याशी बनाया जाता है तो मैं अपने अनुभव और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शहर में बदलाव लाऊंगा और कांग्रेस पार्टी को प्रचंड मतों से जीत दिलवाऊंगा। उनकी दावेदारी से कांग्रेस पार्टी को एक नया विकल्प मिल सकता है जो आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति को और मजबूत कर सकता है।