छत्तीसगढ़

आयुष प्रशामक देखभाल सेवा के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

वयोवृद्ध मरीजों के लिए आयुष विभाग के प्रशामक बने संजीवनी

रायगढ़ । संचालक आयुष इफ्फत आरा के निर्देशन एवम कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में आयुष विभाग, रायगढ़ जिला में पदस्थ आयुर्वेद विशेषज्ञ चिकित्सकों /आयुष चिकित्सकों/ फार्मासिस्टों /पंचकर्म सहायको के लिए 1 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिला आयुर्वेद चिकित्सालय प्रभारी चिकित्सक डॉ. नीरज कुमार मिश्रा ने इन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया, जिसमें पैलेटिव केयर, ओपीडी, होम केयर, और कम्युनिकेशन स्किल्स के महत्वपूर्ण पहलुओं पर जानकारी दी गई।


कार्यशाला में नर्सिंग केयर के संबंध में स्टाफ नर्स हेमलता सिंह ने भी अपने नर्सिंग केयर विषय पर अपना व्याख्यान दिया और देखभाल के आधुनिक तरीकों पर प्रकाश डाला।

केरल से प्रशिक्षण प्राप्त किये डॉ. मिश्रा ने शासन निर्देश में कारुण्य आयुष प्रशामक देखभाल सेवा रायगढ़ जिले में प्रारंभ करने के उद्देश्य से इन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया। अब रायगढ़ जिले में भी कारुण्य आयुष प्रशामक देखभाल सेवा अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आयुष चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को मरीजों की बेहतर देखभाल करने के लिए तैयार करना है ताकि जीवन के अंतिम चरण में उनके लिए गुणवत्तापूर्ण और आरामदायक देखभाल सुनिश्चित की जा सके।

आयुष प्रशामक देखभाल सेवा उन रोगियों और उनके परिवारों के लिए एक संजीवनी है जो जीवन के अंतिम समय में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। यह सेवा न केवल शारीरिक पीड़ा को कम करने का कार्य करती है, बल्कि भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक जरूरतों का भी ध्यान रखती है। इसके माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार और मृत्यु की स्थिति में अधिक सम्मानजनक देखभाल सुनिश्चित की जाती है। यह सेवा निःशुल्क है और आयुष केंद्रों, औषधालयों, आयुष अस्पतालों तथा रोगियों के घरों में प्रदान की जाती है।

आयुष प्रशामक देखभाल दल में आयुष चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट, पंचकर्म सहायक और योग चिकित्सक शामिल होते हैं। चिन्हित क्षेत्रों में रोगी, उनके परिवार, रिश्तेदार, पड़ोसी, और विभिन्न स्वास्थ्य कार्यकर्ता आयुष केंद्रों में पंजीकरण के माध्यम से इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। पंजीकरण के बाद रोगियों को उनके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार उचित देखभाल प्रदान की जाती है, जिससे उनके अंतिम समय को आरामदायक और सम्मानजनक बनाया जा सके।

जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. मीरा भगत ने कहा सभी संस्थाओं को प्रत्येक मंगलवार कारुण्य ओपीडी एवं चिन्हाकित स्थान को प्रत्येक शनिवार दल बनाकर होम केयर के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम आयुष विभाग द्वारा समाज में पीड़ा कम करने और जीवन के अंतिम समय में बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।जो एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है। इसी कार्यक्रम में छ ग आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ के भुतपुर्व अध्यक्ष डॉ अजय नायक एवं नवचयनित अध्यक्ष डॉ कुणाल पटेल द्वारा समस्त चिकित्साकों की उपस्थिति में नववर्ष कलेंडर विमोचन कर वितरीत किया गया।

Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button