धर्मजयगढ़ वन मंडल छाल रेंज में हाथियों का आतंक डर के साये में जी रहे ग्रामीण |
छाल धरमजयगढ़ वन मंडल जो कि पूरी तरह जंगलों से घिरा हुआ है । जहां लगभग एक दशक से हाथियों का आतंक है इस क्षेत्र में हाथियों और मानव के बीच द्वंद की बड़ी लंबी फहरिस्त बन गई है। पूरे वन मंडल की बात करें तो एक दशक में सैकड़ों लोगों ने हाथियों के कारण अपनी जान गवाई है । तो वहीं दूसरी तरफ इतने समय में हाथियों की मौत का आंकड़ा भी काफी बड़ा है ।
जिसके कारण आज भी यहां के लोग डर के साए में अपना जीवन यापन कर रहे हैं । जंगल क्षेत्र में अधिक संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं । जो अपने जीवकोपार्जन के लिए जंगलों पर निर्भर रहते हैं । लेकिन उनकी यहीं मशक्कत आज उनकी मौत का कारण भी बन जाती है । वन विभाग द्वारा लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के बाद भी मानव और हाथियों के बीच द्वंद का यह सिलसिला जारी है ।
बात करें धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज की तो यह क्षेत्र हाथियों के लिए एक निश्चित ठिकाना बन गया है । जहां हाथियों का नज़र आना एक आम बात हो गई है । 28 तारिक की शाम बैहरामुडा कुरकुट नदी में हाथियों का दल देखा गया |
जो की चंद्रशेकरपुर (एडू) के ठाकुर देव संगम जंगल की ओर जाने की संभावना है | जिस पर वन विभाग की ओर से गांव-गांव जाकर मुनादी करवा रहे हैं | हाथियों के इस दल में लगभग 30 से 35 हाथियों का होना वन विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है । हालाकि अभी तक किसी प्रकार की कोई जान माल के हानि की बात सामने नहीं आई है ।