छत्तीसगढ़

Balrampur news: सर्पदंश से बचाव की जानकारी देने जागरूकता कार्यक्रम जारी

बलरामपुर 25 जून 2024/ बरसात के मौसम में सर्प अक्सर बाहर निकल आते हैं, इसलिए इनसे बचाव करना जरूरी है। जागरूकता के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग सांप काटने से व्यक्ति को बैगा, गुनिया के पास झाड़-फूंक करवाने के लिए ले जाते हैं। अधिकांश ग्रामीणों का मानना है कि सर्पदंश पीड़ित को बैगा के पास ले जाने पर झाड़-फूंक से सांप का जहर निकल जाता है, जिससे सर्पदंश के पीड़ित मरीज को समय में सही उपचार नहीं मिल पाता है।

इसको ध्यान में रखते हुए कलेक्टर श्री रिमिजियुस एक्का के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के दिशा-निर्देश में जन जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। जिसमें यह जानकारी दिया जा रहा है कि सर्पदंश से पीड़ित मरीज को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में जाकर उचित उपचार करावें।


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने बताया कि मानसून में सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि हो जाती है। बाढ़ जैसी स्थिति होने के बाद आवासीय क्षेत्रों में अत्यधिक मात्रा में सांप दिखाई देने लगते हैं, जिस कारण सर्पदंश के प्रकरण में वृद्धि होती है जिससे बचाव हेतु जिले के समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराई गयी है।

सर्पदंश से बचाव के उपाय
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सर्पदंष से बचाव हेतु जानकारी दी है कि जमीन में न सोयें, पलंग पर मच्छरदानी लगाकर चारों तरफ अच्छे से मच्छरदानी को दबा कर सोयें, पलंग या चारपाई को दीवार से न सटाएं, न ही पलंग से कोई सामान सटा कर रखें, अपने सोने वाले कक्ष में छोटे जीव जन्तु जैसे चिड़िया, खरगोश, मुर्गियां आदि न रखें, ना ही घर में चूहे होने दें।

रात्रि को शौच आदि निकलने पर रौशनी का इस्तेमाल करें, जहां दिखाई न देता हो, वहां हाथ पांव न डालें, खेत बाड़ी में काम करते समय विशेष रूप से सावधानी बरतें। यदि किसी व्यक्ति को सांप काटता है तो सर्पदंश के बाद मरीज को हिम्मत दें, डराएं नहीं, मरीज के डरने से बीपी बढ़ेगा, जिससे सांप का जहर तेजी से फैलेगा।

मरीज को स्थिर लिटा दें तथा किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं करने दें। साथ ही बिना देरी किए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में मरीज को लेकर जाएं और चिकित्सक को सूचित करें, जिससे चिकित्सक द्वारा त्वरित उपचार हेतु मरीज को एंटी स्नेक वेनम देते हुए उचित उपचार किया जा सके।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button