देश विदेश

23 सितंबर: विश्व आयुर्वेद दिवस – स्वास्थ्य और प्रकृति के लिए समर्पित दिन

Advertisement

विश्व आयुर्वेद दिवस का महत्व
23 सितंबर को हर साल विश्व आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिन पहली बार सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस वर्ष की थीम है: ‘लोगों और ग्रह के लिए आयुर्वेद’

भारत और आयुर्वेद का जुड़ाव
भारत की जड़ें आयुर्वेद से गहराई से जुड़ी हैं। आधुनिक चिकित्सा के शुरू होने से पहले, लोग वैद्य, हकीम या साधू की देखरेख में आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग कर अपने स्वास्थ्य की रक्षा करते थे।

घर में अपनाए जाने वाले आयुर्वेदिक उपाय
आज भी घरों में अनेक आयुर्वेदिक उपाय अपनाए जाते हैं। ये उपाय न केवल शरीर के अंदरूनी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं, बल्कि बाहरी रूप से भी शरीर और त्वचा को मजबूत बनाते हैं।

सेहत के लिए कुछ प्रभावशाली आयुर्वेदिक प्रैक्टिस

  1. तुलसी और अदरक का उपयोग – प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
  2. हल्दी और दूध का सेवन – सूजन कम करने और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए फायदेमंद।
  3. योग और प्राणायाम – मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में संतुलन बनाए रखने में सहायक।
  4. त्रिफला का सेवन – पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालता है।
  5. नारियल तेल या तिल का इस्तेमाल – त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी।

आयुर्वेद न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि पर्यावरण और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी भी सिखाता है। इस तरह, विश्व आयुर्वेद दिवस लोगों को अपने स्वास्थ्य और ग्रह के प्रति जागरूक करने का एक अवसर है।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button