छत्तीसगढ

नक्सलियों को ‘शहीद’ बताकर फंसी सुप्रिया श्रीनेत कहा बयान में कांट-छांट हुई, कोई सहानभूति नहीं

कांकेर: छोटा बैठिया मुठभेड़ में मारे गए सभी के लिए संवेदना प्रकट करना और उनके प्रति संवेदना जताने वाली कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत अब सफाई देने में जुट गई हैं। सुप्रिया श्रीनेत ने बिलासपुर में कहा कि उनके बयान को कांटछांट कर चलाया जा रहा हैं। नक्सलियों से उनकी कोई सहानभूति नहीं हैं।  पूरे नेतृत्व को हमने नक्सली हिंसा में खोया है। हमने अपने दो- दो प्रधानमंत्री को हिंसा में खोया है। इस देश में हिंसा की कहीं कोई जगह नहीं है।

इस दौरान सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार को भी लपेटे में लिया और कहा कि, झीरम की जांच में भी बीजेपी ने रोड़ा लगाया हैं। इण्डिया गठबंधन के बारे में श्रीनेत ने कहा कि आज इंडिआ गठबंधन 300 और 320 सीटों के बीच खड़ा हैं। यह देश, संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई हैं। पीएम मोदी को कान पकड़कर देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

क्या कहा था श्रीनेत ने

दरअसल एक कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने इस एनकाउंटर में मारे गए सभी के लिए अपनी संवेदना पोरकट करते हुए उन्हें शहीद बताया था, जबकि इस मुठभेड़ में किसी जवान की शहादत नहीं हुई हैं। तीन घायल हैं जिनका उपचार किया जा रहा हैं।

वही उनके इस बयान पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने निशाना साधते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि “कांग्रेस पार्टी का ये निकृष्ट बयान… लोकतंत्र पर प्रहार है। सुरक्षा बलों के मनोबल पर प्रहार है। सुरक्षा बलों के पराक्रम पर प्रहार है।छत्तीसगढ़ और बस्तर की जनता पर प्रहार है। नक्सलियों को शहीद मानने वाली कांग्रेस ने 5 साल बस्तर में इसी मानसिकता से कार्य किया है।”]

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