छत्तीसगढ

एक्स पैरामिलिट्री सीजीएचएस लाभार्थियों को आयुष्मान आभा से जोड़ने पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को लिखा पत्र

अब केंद्रीय सरकार के सीजीएचएस लाभार्थियों को अपने कार्ड को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट से जोड़ना अनिवार्य होगा। अलाइंस आफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव रणबीर सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि जहां तक सीजीएचएस कार्ड धारकों का सवाल है जिसमें केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के अलावा लाखों एक्स पैरामिलिट्री यानी पुर्व अर्ध सैनिक रिटायरमेंट उपरांत पदों के अनुसार एक तयशुदा राशि सीजीएचएस महानिदेशालय को एडवांस में जमा करा दी जाती है

जबकि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अकाउंट बीमा योजना के अंतर्गत काम करता है जिसमें कर्मचारियों को कोई अग्रिम राशि जमा नहीं करवानी पड़ती। आभा योजना के तहत 5 लाख रुपए तक का इलाज करवा सकते हैं जबकि सीजीएचएस लाभार्थियों को 5 लाख तक की सीमा नहीं है। एचवीए (आभा) में सरकार प्रीमियम सरकार भरती है जबकि सीजीएचएस के रिटायर्ड कर्मियों (लाभार्थियों) द्वारा एडवांस में रकम जमा करा दी जाती है।

महोदय ऐसे में दोनों योजनाओं को एक दूसरे से लिंक करना कहां तक जायज है। महासचिव रणबीर सिंह द्वारा इस विषय को लेकर माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि इस योजना को लागू करने से पहले कम से कम विभिन्न कर्मचारी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श किया गया होता तो बेहतर सुझाव दिए जा सकते थे।

जहां तक पैरामिलिट्री फोर्सेस के सेवानिवृत्त जवानों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के मुहैया कराने का सवाल है सीजीएचएस से बेहतर और कोई संस्था नहीं है। हमें आशंका है कि कहीं आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते के साथ सीजीएचएस लाभार्थियों को लिंक कर दिया गया तो धीरे धीरे वेलनेस सेंटरों, एमपैनल सुपर स्पेशियलिटी निजी अस्पताल जहां हम बेहतर इलाज कराते आएं हैं उनसे मिलने वाली सुविधाएं खत्म ना हो जाएं।

माननीय स्वास्थ्य सचिव को लिखे पत्र में आगे कहा कि जनवरी 2022 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीएपीएफ आयुष्मान योजना के अंतर्गत सेवारत अर्ध सैनिक बलों के जवानों को 35 लाख कार्ड वितरित किए थे लेकिन अब हम रिटायर्ड कर्मियों को भी आभा के अंतर्गत लपेटे में ले लिया गया जिसका हम विरोध करते हैं।

हम अर्ध सैनिक बलों के रिटायर्ड कर्मियों को ऐसा महसूस होता है कि कहीं हमें फिर से सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और आभा के साथ सीजीएचएस लाभार्थियों के लिंक होने से सिविल अस्पतालों को हम पर थोंप तो नहीं दिया जाएगा।

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