छत्तीसगढ

राजस्व अधिकरियों की सांठगांठ से भूमाफिया खेल रहे अवैध प्लाटिंग का खेल, शासकीय कर्मचारी श्रीयता कुरोठे ने शासन को लगाया लाखो का चूना, अवैध प्लॉटिंग, अवैध क्रय विक्रय,


गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ कार्यवाही ना होने से भू माफियाओ के हौसले इतने बुलंद है की अब शासकीय कर्मचारी भी अपने पद का दुरुप्रयोग करते हुए अवैध खरीदी बिक्री, का खुला खेल जिला प्रशासन के सामने खेल रहे है, दरअसल जिले के आयुर्वेद विभाग में पदस्थ आयुर्वेद चिकित्सक श्रीयता कुरोठे के द्वारा करोडो कि जमीन खरीदी कर अबैध प्लाटिंग का भी खुला खेल खेला गया है.

जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अधिनियम के ठीक विरुद्ध की श्रेणी में आता है. साथ ही फर्जी खेल में अपनी कई जमीन श्रीयता कुरोठे ने अपने पति जयवर्धन कुरोठे के नाम पर दान पत्र में लिख कर शासन को लाखो रुपये का चुना लगाने का काम भी किया  है. उक्त मामले में आवेदनकर्ता के द्वारा जिला प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से बताया गया की श्रीमती श्रीयता कुरोठे पति जयवर्धन आयुष विभाग में आयुर्वेद चिकित्सक पद पर जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में कार्यरत है,

यह की श्रीयता कुरोठे के द्वारा फर्जी तरीके से खुद को भूमि पंजीयन में गृहिणी बताया गया है,यह की श्रीयता कुरोठे के द्वारा अपने शासकीय पद आचरण के विरुद्ध अपने पदस्थापना जिले में ही बिना विभाग की अनुमति के भूमि क्रय विक्रय किया गया है, बताया गया की श्रीयता कुरोठे के द्वारा टीकर कला पेंड्रा रोड में भूमि की अवैध प्लॉटिंग कर भूमि बेचा गया है,साथ ही अपने पति जय वर्धन कुरोठे के नाम से दानपत्र निस्पादित करा कर उनके नाम से अवैध प्लॉटिंग को अंजाम दिया गया है, भूमि को कृषि भूमि से आवासीय में व्यपरवर्तन कराए बिना भूमि की संरचना में परिवर्तन कर शासन को करोड़ो रुपए का चूना लगाया गया है,

उक्त कृत्यों से श्रीयता कुरोठे पति जयवर्धन कुरोठे ने निम्न नियमों की खुली अवहेलना की है

1. किसी भी शासकीय कर्मचारी को जंगम, स्थावर मूल्यवान संपत्ति क्रय, विक्रय, दान करने अथवा परिवार के किसी के नाम से क्रय-विक्रय, दान करने के पूर्व विहित प्राधिकारी से अनुमति आवश्यक है। (छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 6 के उपनियम 2 एवं 3) यहां श्रीयता कुरोठे शासकीय सेवक है किन्तु उनके द्वारा अत्यधिक मूल्य की अचल संपत्ति क्रय/विक्रय/दान करने से पूर्व विभाग की कोई अनुमति नहीं ली।

2. उक्त संपत्ति को क्रय करने पश्चात प्रतिवर्ष पेश किये जाने वाले अचल संपत्ति विवरण में श्रीयता कुरोठे द्वारा प्रदर्शित ना करके शासन से उक्त कृत्य को छुपाया है एवं भूमि क्रय विलेख में भी अपना पेशा गृहणी दर्शाया गया है जबकि वह शासकीय विभाग में उच्च पद पर पदस्थ है।

3. उक्त जमीनों की खरीदी-बिक्री कर श्रीयता कुरोठे को करोड़ो रूपये का लाभ हुआ है जिसका ब्योरा उन्होने आयकर विभाग को भी नहीं सौंपा है।

4. उन्होंने स्वयं तथा अपने पति जयवर्धन कुरोठे के साथ मिलकर अवैध प्लॉटिंग की है। बिना RERA में पंजीयन, बिना कॉलोनाइजर लाइसेंस, बिना डाइवर्सन एवं बिना ले आउट पास कराए उन्होने भूमि की उपयोगिता में परिवर्तन कर लोगों को टुकड़ों में जमीन बिक्री की है। उक्त कृत्य से उन्होंने शासन के कोष में जाने वाले लाखों रूपयों का नुकसान, भोले-भाले आमजनों को अवैध प्लाटिंग की भूमि बिक्री करके ठगा एवं आश्रय निधि के रूप में EWS केटेगरी के लिए जाने वाले पैसों का स्वयं उपयोग किया है। नगर निगम अधिनियम 1956 एवं कॉलोनाइजर रजिस्ट्रीकरण नियम 2013 के प्रावधान के अनुसार अवैध प्लाटिंग करने पर 3 से 7 वर्ष तक कारावास और संपत्ति राजसात करने का प्रावधान है।

श्रीयता कुरोठे आयुर्वेद चिकित्सक जिला गौरेला पेण्ड्रा-मरवाही के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित कर शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दांडिक एवं वैधानिक कार्यवाही कर प्राथमिकी दर्ज की मांग हुई है, उक्त प्रकरण की विधिवत शिकायत, ज्ञापन मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव, शासन, Eow/Acb रायपुर बिलासपुर एवं  कलेक्टर तहसीलदार से की गई है. तथा आयुर्वेद चिकित्सक श्रीयता कुरोठे पर कई जगह प्लाटिंग एवं आय से अधिक संपत्ति की विवरण सहित भी शिकायत की गई है ,अब देखना होगा की एक आयुर्वेद चिकित्सक के ऊपर इतना बड़ा इल्जाम सबूतों के साथ लगने के बाद शासन कब और कैसे कार्यवाही करती है?

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