
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: नगर निकाय चुनावों के बाद अध्यक्ष और पार्षदों के शपथ ग्रहण की तिथि घोषित कर दी गई है। हालांकि, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के पेंड्रा नगर पंचायत में अध्यक्ष और पार्षदों के बीच सत्ता संघर्ष खुलकर सामने आ गया है।
नगर पंचायत में 15 वार्ड हैं, जिनमें से 14 पार्षदों ने अध्यक्ष से दूरी बनाते हुए उपाध्यक्ष पद के लिए स्वतंत्र निर्णय लेने का संकेत दिया है।
उपाध्यक्ष चयन को लेकर टकराव
पार्षदों का कहना है कि अध्यक्ष कोई भी हो, लेकिन जब तक उपाध्यक्ष मजबूत और स्वतंत्र निर्णय लेने वाला नहीं होगा, तब तक नगर के विकास को गति नहीं मिल सकेगी। पार्षदों ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष अपने अनुसार उपाध्यक्ष बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे प्रशासनिक कार्यों में निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।
“नगर विकास के लिए स्वतंत्र उपाध्यक्ष जरूरी”
पार्षदों ने स्पष्ट किया कि उपाध्यक्ष ऐसा होना चाहिए, जो गलत नीतियों का विरोध कर सके और नगर हित में स्वतंत्र रूप से फैसले ले सके। उनका कहना है कि यदि अध्यक्ष अपनी मर्जी से उपाध्यक्ष चुनते हैं, तो नगर का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।
“जनता के भरोसे पर खरा उतरना जरूरी”
पार्षदों ने दो टूक कहा कि जनता ने उन्हें नगर के विकास के लिए चुना है, और यदि वे जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे तो अगली बार उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने में जनता पीछे नहीं हटेगी। इसलिए वे निस्वार्थ भाव से उपाध्यक्ष का चुनाव करेंगे, ताकि नगर पंचायत में निष्पक्ष और सुचारु प्रशासन सुनिश्चित किया जा सके।