ब्लड प्रेशर चेक कराने पहुंची आदिवासी महिला को आरएमए ने लगाया नस में इंजेक्शन, बिगड़ी तबीयत और हो गई मौत

परिजनों ने लगाई जांच की गुहार, डॉक्टरों ने बिना पीएम के थमा दिए शव
बलरामपुर । कुसमी।केंद्र व राज्य सरकार द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा आम नागरिकों सहित सभी वर्गों को उपलब्ध कराने कई अभियान चला रही हैं पर ग्रामीण इलाकों में इसका कोई असर नहीं पड़ता भले ही लोगो की जान जोखिम में आ जाए। इसके बाद भी डिजिटल भरे इस दौर में भी एक आदिवासी महिला के मौत के बाद लापरवाही को छुपाने हर संभव प्रयास किया जा रहा हैं।
बलरामपुर जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी. दूर ग्राम पंचायत चांदो का हैं यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ “आरएमए” ने अपने निजी क्लिनिक में ब्लड प्रेशर चेक कराने पहुंची आदिवासी महिला को नस में इंजेक्शन लगाया इसके बाद तुरंत महिला की मौत हो गई।
विश्वस्थ सूत्रों के अनुसार जानकारी सामने आई हैं की निजी क्लिनिक में उक्त महिला इलाज कराने संविधान के निर्माता डॉ.भीम राव अम्बेडकर जयंती पर चांदो का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद होने के कारण गई थी। ग्रामीणों ने बताया है की आरएमए अपने रूम पर निजी क्लिनिक में फिस लेकर इलाज करते हैं।
उल्लेखनिय हैं की आदिवासी महिला सीमा किस्पोट्टा की मौत का मामला तब सामने आया जब उक्त मृतिका के भाई डेविड किस्पोट्टा ने चांदो तहसीलदार के समक्ष उपस्थित होकर आवेदन प्रेषित किया और जांच उपरांत न्याय की गुहार लगाई।
आवेदक ने बताया कि 14 अप्रैल 2005 दिन सोमवार की सुबह महुआ चुनने के बाद चांदो साप्ताहिक बाजार करने मेरी बहन सीमा किस्पोट्टा (41) गांव जरहाखाड़ ग्राम पंचायत मगाजी के कुछ लोगों के साथ बाजार गई थी। बाजार पहुंचने के बाद गांव वालों से बोली कि मैं अस्पताल में बीपी चेक करावाने जा रही हूँ।
अम्बेडकर जयंती पर बंद था स्वास्थ्य केंद्र, लापरवाही छुपाने मौत के बाद आरएमए ने लाश किया रेफर
सीमा किस्पोट्टा जब अस्पताल पहुंची तो देखी 14 अप्रैल अम्बेडकर जयंती के कारण अस्पताल बंद था अस्पताल के पीछे आरएमए उमाशंकर वर्मा अपने रूप में इलाज कर रहे थे वहां बहुत भीड़ था तभी मेरी बहन आरएमए को बोली की मेरा बीपी चेक कर दीजिए मुझे चक्कर सा लग रहा है
इसके बाद उमाशंकर वर्मा ने नस में इंजेक्शन लगाया और कुछ ही सेकंड में मेरी बहन जमीन पर गिर गई और उल्टी करने लगी। उसके बाद आरएमए अन्य लोगों के सहयोग से अस्पताल के पीछे से अस्पताल के अंदर ले जाकर बॉटल चढ़ाने लगा और बलरामपुर जिला अस्पताल के लिए पर्ची बनाया और कहा कि तुरन्त इसको बलरामपुर ले लाए बोलो तो मैं अपना गाड़ी में पहुंचा देता हूँ,
इसके बाद दामाद की गाड़ी से बलरामपुर लेकर गए जहां जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने मृत घोषित किया। परिजनों का आरोप है कि आरएमए उमाशंकर वर्मा के गलत इलाज से महिला की मौत हुई है, पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया, जो जांच का विषय बना हुआ है।
बगैर डॉक्टर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है
अप्रैल माह 2025 से यहां पदस्थ किए गए प्रशिक्षु एमबीबीएस डॉक्टर मयंक त्यागी स्वास्थ्य केंद्र में नहीं आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि डॉ. त्यागी करीब छह माह सेवा देने के बाद बलरामपुर जिले में पदस्थ हो चुके हैं। इसके पूर्व भी डॉक्टरों की कमी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चांदो में लगातार रही है यहां पदस्थ किए गए आरएमए (रजिस्टर्ड मेडिकल अस्सिटेंस) के भरोसे चांदो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है।
प्रभारी मंत्री तक पहले भी पहुंच चुकी हैं शिकायत
चांदो के ग्रामीणों ने करीब एक साल पहले उक्त आरएमए पर पैसा लेकर इलाज करने तथा सरकारी दवाइयां बेचने सहित कई आरोप लगातें हुए जांच व कार्रवाई किए जाने की शिकायत महिला एवं विकास विभाग मंत्री तथा बलरामपुर की प्रभारी लक्ष्मी राजवाड़े से की गई थीं।
प्रभारी मंत्री ने अपने कर्तव्यों का बखूबी पालन करते हुए इस पर जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए तथा इस पर जांच टीम गठित की गई और जांच के लिए पहुंची टीम के समक्ष लगे आरोप सच भी हुए लेकिन कार्यवाही शून्य रहने के कारण उक्त आरएमए की मनमानी चरम सीमा पर है।
लंबे समय से एक ही स्थान पर रहने के कारण मनमानी पूर्वक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन करना, निजी रूम में क्लिनिक खोल इलाज करना अब पेशा बन चुका है इसके एवज में आरएमए मोटी कमाई करने में जुटे हुए हैं।
परिजनों पर बयान बदलने का दबाव
वहीं परिजनों का आरोप है की मामला सामने आने के बाद चांदो अस्पताल के प्रभारी आरएमए उमाशंकर वर्मा और अस्पताल के अन्य स्टाफ के द्वारा फोन एवं रात में घर जाकर जांच प्रभावित करने के उद्देश्य से बयान बदलने को कहा जा रहा है।
अधिकारियों ने क्या कहा
मामलें में चांदो तहसीलदार दानिश परवेज ने कहा शिकायत आई हैं जिला चिकित्सालय से जांच टीम गठन हुआ हैं। वही थाना प्रभारी चांदो दुबेंन्द्र टेकाम ने कहा पोस्टमार्टम रिपोर्टर आने के बाद ही कुछ बता पाएंगे।
मामलें में आरएमए उमाशंकर शर्मा ने कहा अम्बेडकर जयंती सोमवार को छुट्टी का दिन था मैं रूम में था उसी वक्त महिला पहुंची और बोली चक्कर व उल्टी लग रहा है। महिला की बीपी चेक किया तो बीपी लो बताया उल्टी का इंजेक्शन लगाने को बोली तो मैं लगा दिया। उल्टी लग रहा है कह कर बाहर निकली और उल्टी करने के दौरान गिर गई। इसके बाद अस्पताल जाकर इंजेक्शन, बोतल लगाया और महिला को जिला अस्पताल रेफर किया।
मामले में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी सतीशचंद्र ने कहा जांच टीम का गठन किया गया है। जिसमें रामानुजगंज के बीएमओ डॉ. मोहन कुमार गुप्ता, चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रृष्टि कश्यप, बलरामपुर चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप पैकरा और बलरामपुर के सहायक ग्रेड 3 अजय कुशवाहा शामिल है उनके द्वारा जांच रिपोर्ट तैयार किया गया है, जिला जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।