छत्तीसगढ़

एन.एच.एम. कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का दूसरा दिन: नियमितीकरण के वादों पर सरकार से जवाब की मांग

Advertisement

रायगढ़ : छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) कर्मचारी संघ के बैनर तले 16,000 से अधिक कर्मचारी 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हड़ताल के दूसरे दिन, 19 अगस्त 2025 को रायगढ़ के शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी मिनी स्टेडियम में जिले के 550 से अधिक कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रखा। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं, तथा आज टीकाकरण में जिले के 16 संस्थाएं प्रभावित हुई है, जिनमें एक मात्र एन.एच.एम कर्मचारी कार्यरत है,
आज यू विन टीकाकरण पोर्टल का काम भी बाधित हुआ है।

हड़ताल का कारण: अस्वीकृत वादे
जिलाध्यक्ष शकुंतला एक्का ने बताया कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, और वित्त मंत्री ने पूर्व में एन.एच.एम. कर्मचारियों के मंच पर आकर वादा किया था कि उनकी सरकार बनने पर 100 दिनों के भीतर कमेटी गठित कर नियमितीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने दावा किया था कि नियमितीकरण का रास्ता केवल भाजपा सरकार से होकर निकलेगा। हालांकि, 20 महीने बीत जाने और 160 से अधिक ज्ञापन सौंपने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। 



हड़ताल के दूसरे दिन का प्रदर्शन
हड़ताल के दूसरे दिन कर्मचारियों ने शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी मिनी स्टेडियम में यज्ञ का आयोजन किया। इस दौरान “हमारी भूल-कमल का फूल” के नारे लगाए गए, जो सरकार के वादों पर व्यंग्य और उनकी अनदेखी पर तंज था। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, और वित्त मंत्री के मुखोटे लगाकर उनके सामने प्रतीकात्मक हवन किया। इस यज्ञ के माध्यम से ईश्वर से सरकार को सद्बुद्धि देने और 20 वर्षों से शोषित एन.एच.एम. कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगों, विशेषकर नियमितीकरण और स्थायीकरण, पर शीघ्र निर्णय लेने की प्रार्थना की गई। 



20 वर्षों का शोषण, कोविड में अतुलनीय योगदान
पिछले 20 वर्षों से एन.एच.एम. कर्मचारी प्रदेश के सुदूर अंचलों से लेकर प्रमुख शासकीय संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 महामारी में इनकी भूमिका अतुलनीय रही, फिर भी मूलभूत सुविधाओं जैसे नियमितीकरण, वेतन वृद्धि, और चिकित्सा बीमा से वंचित रखा गया है। 



10 सूत्रीय प्रमुख मांगें:
1. संविलियन/स्थायीकरण 
2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना 
3. ग्रेड-पे का निर्धारण 
4. कार्य मूल्यांकन (सी.आर.) में पारदर्शिता 
5. लंबित 27% वेतन वृद्धि 
6. नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण 
7. अनुकम्पा नियुक्ति 
8. मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा 
9. स्थानांतरण नीति 
10. न्यूनतम 10 लाख कैशलेस चिकित्सा बीमा 

स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव और चेतावनी
इस हड़ताल के कारण प्रदेश की 6,239 स्वास्थ्य संस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। संघ ने सरकार से तत्काल संवाद स्थापित कर मांगों पर लिखित आश्वासन देने की मांग की है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी रहेगी। स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव की पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button