दीपावली त्यौहार मनाने घर में आया अनेकों प्रकरण का स्थाई वारंटी आरोपी राज सिंह विश्वकर्मा जशपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा
आरोपी के विरूद्ध चेंक बाउंस होने के प्रकरण में जशपुर न्यायालय से 02 एवं जिला कोरबा के न्यायालय से भी धारा 138 एनआईटी एक्ट के प्रकरण में स्थाई वारंट जारी हुआ है,
थाना नारायणपुर क्षेत्र के ग्राम मटासी का है आरोपी,
आरोपी साईंप्रसाद चिटफंड कंपनी, विनायक होम्स रियल स्टेट के एजेंट के रूप में कार्य कर चुका है,
आरोपी अपने साथियों के साथ भुनेष्वर में क्रिप्टोकरेंसी कंपनी में लोगों को रकम दुगुना का लालच देकर लगभग 04 लाख रू. की ठगी किया है,
स्थाई वारंटी का नाम:- राज सिंह विष्वकर्मा उम्र 35 साल निवासी मटासी थाना नारायणपुर।
संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि स्थाई वारंटी राज सिंह विष्वकर्मा द्वारा वर्ष 2010 से 2015 तक साईं प्रसाद चिटफंड कंपनी में काम करता था, 05 वर्ष में करीब इसके नीचे चैनल में करीब 500 व्यक्ति थे, इसके द्वारा जोड़े गये व्यक्तियों से प्राप्त पैसा को आरोपी एजेंट के रूप में प्राप्त करता था और कंपनी में जमा करता था। इस कंपनी का मुख्य संचालक बालासाहब भापकर और वंदना भापकर थे जो वर्तमान में जेल में निरूद्ध हैं।
वर्ष 2015-16 में आरोपी राज सिंह पुनः विनायक होम्स रियल स्टेट चिटफंड में कार्य करने लगा इसमें भी इसके चैनल में लगभग 500 लोग जुडे़ थे, इसके संचालक जितेन्द्र विसे, जोगेन्द्र विसे थे, उनका यह एजेंट के रूप में कार्य किया है।
वर्ष 2018-2019 में भुनेष्वर (ओड़िसा) की एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी में करता था जिसका संचालक विष्वास साहब था जिसमें यह टीम के अन्य सहयोगियों से मिलकर लोगों से पैसा प्राप्त कर उस पैसा को दोगुना करने का लालच देकर डाॅलर में भंजाने का विष्वास दिलाकर सदस्य बनाते थे, इनलोगों के द्वारा करीब 04 लाख रू. ठगी करना बताया है, कुछ दिनों के बाद यह कंपनी बंद हो गया बताया।
इसके द्वारा पूर्व में गांव की एक महिला को चेक 50,000 रू. का एवं एक दूसरा चेक 25,000 रू. का दिया था जो चेक बाउंस होने पर उक्त महिला के द्वारा जशपुर न्यायालय में केस करने पर 02 केस अलग-अलग धारा 138 एनआईटी का स्थाई वारंट जारी होने पर उक्त आरोपी के दिनांक 29.10.2024 को घर में आने की सूचना प्राप्त होने पर दबिश देकर अभिरक्षा में लेकर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है।
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी नारायणपुर उ.नि. सतीश सोनवानी, आर. प्रदीप भगत, आर. यागेश भगत, म.आर. अर्चना तिग्गा, सै. विरेन्द्र भगत इत्यादि का योगदान रहा है।